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DNA लीक का डर इतना कि मर्सिडीज बेंज में टॉयलेट बनाकर चलते हैं किम जोंग, कहीं भी नहीं लगने देते उंगलियों की छाप

किम जोंग की कार में ऐशोआराम की सारी चीजों के साथ पोर्टेबल टॉयलेट भी रहता है. दरअसल किम को डर है कि किसी भी तरह से उनका DNA दुश्मन देश के हाथ न लग जाए. इससे ये भेद खुल जाएगा कि उन्हें कौन सी बीमारियां हैं, या वे किसकी दवा ले रहे हैं. उनका ये डर तरह हवा-हवाई भी नहीं, विकिलीक्स ने अमेरिका को लेकर ऐसा आरोप भी लगाया था.

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किम जोंग उन की कथित तौर पर रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात हुई. सांकेतिक फोटो (Getty Images)
किम जोंग उन की कथित तौर पर रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात हुई. सांकेतिक फोटो (Getty Images)

नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग उन रूस की यात्रा पर हैं. करीब 4 साल बाद वे किसी दूसरे देश गए. इसपर कई तरह के कयास लग रहे हैं. जहां बाकी लीडर बाकायदा ऐलान करके विदेश यात्रा पर जाते हैं, वहीं किम जोंग हर बात को खुफिया रखने पर यकीन करते हैं. दावा तो ये तक किया जाता है कि वे अपने साथ पोर्टेबल टॉयलेट लेकर चलते हैं ताकि उनका मल-मूत्र भी दुश्मनों के हाथ न लग जाए और DNA सैंपल न मिल जाए. 

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पेन लेने से कर दिया था इनकार

साल 2018 की बात है, जब किम जोंग ने कुछ ऊटपटांग किया. न्यूक्लियर हथियारों पर बातचीत के लिए डोनाल्ड ट्रंप से मिलने वे सिंगापुर पहुंचे हुए थे. डील के दौरान कहीं दस्तखत की जरूरत पड़ी. ट्रंप ने जैसे ही उनकी तरफ एक पेन बढ़ाया, किम के गार्ड्स ने लपककर उसे अपने हाथ में ले लिया और सफेद दस्ताने पहनकर साफ करते दिखे. इस बीच किम की बहन किम जो जोंग ने एक पेन निकालकर भाई को दिया. ये छोटी सी वीडियो भारी वायरल हुई थी. 

सबको हैरानी थी कि पेन लेकर दस्तखत करने जैसी मामूली बात पर ये सब क्यों हुआ. इंटरनेशनल मीडिया में ये खुसपुसाहट फैली कि किम जोंग किसी भी हाल में अपने फिंगर प्रिंट दूसरे देश तक नहीं पहुंचने देना चाहते. 

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why does kim jong un have private portable toilet in his car what is the connection with dna photo AFP

मोबाइल टॉयलेट होता है कारों में

यहां तक तो फिर भी ठीक है, लेकिन हद तो तब हुई, जब किम के बारे में दावा किया गया कि उनके साथ चलती कारों के काफिले में कई टॉयलेट भी होते हैं ताकि किम वहीं फारिग हो सकें. ऐसा इसलिए है ताकि उनकी पॉटी किसी गलत हाथ में न पड़ जाए. मर्सिडीज बेंज में बने इस टॉयलेट को खुद किम के सुरक्षा गार्ड हैंडल करते हैं. यहां तक कि उसकी साफ-सफाई का जिम्मा भी उन्हीं पर है. कोई भी अगर इसमें जरा भी भूलचूक करे तो उस देश के नियम के मुताबिक उसे देशद्रोही मान लिया जाता है. 

कैसे लीक हो गई ये जानकारी

उत्तर कोरिया से कई ऐसे लोग भागकर दक्षिण कोरिया पहुंचे, जो किम की पर्सनल सिक्योरिटी में काम करते थे. इन्हीं लोगों के हवाले से दक्षिण कोरियाई एक्सपर्ट्स ने ये बात कहनी शुरू की. दक्षिण कोरियाई मीडिया डेली एनके ने यहां तक क्लेम किया कि कार में तो टॉयलेट होता ही है, साथ ही पहाड़ों की यात्रा के दौरान एक पोर्टेबल कमोड भी बॉडी गार्ड्स साथ लेकर चलते हैं ताकि किम को कोई दिक्कत न हो. 

देश से भागे हुए लोगों ने किया खुलासा

वॉशिंगटन पोस्ट ने नॉर्थ कोरियन गार्ड कमांड यूनिट में काम कर चुके शख्स ली युन-किओल से इंटरव्यू किया. देश से भागकर अमेरिका में खुफिया ढंग से रहते ली ने कहा था कि किम को हर समय जानलेवा हमले या किसी साजिश का डर रहता है. यही कारण है कि वे अपनी सेहत से जुड़ी हर बात सीक्रेट रखते हैं. चूंकि मल-मूत्र से हेल्थ से जुड़ी काफी सारी बातें पता लग सकती हैं इसलिए किम कॉमन टॉयलेट किसी हाल में इस्तेमाल नहीं करते.

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why does kim jong un have private portable toilet in his car what is the connection with dna photo Reuters
किम के साथ हमेशा कारों का काफिला चलता है. सांकेतिक फोटो (Reuters)

नॉर्थ कोरिया के इस शासक के टॉयलेट जाने पर साथ में सैनिकों की एक टुकड़ी जाती है और इस्तेमाल के बाद टॉयलेट एहतियात से साफ होता है ताकि कोई विदेशी एजेंसी उनके DNA के जरिए सेहत के बारे में जानकारी न हासिल कर लें. 

सिगरेट की बट भी अलग रखी जाती है

किम जोंग स्मोकिंग के शौकीन कहलाते हैं. लेकिन यहां भी बड़ा ट्विस्ट है. वे आम लोगों की तरह सिगरेट का बचा हुआ हिस्सा डस्टबिन में नहीं डालते, बल्कि उसे जमा करके अलग से नष्ट किया जाता है. कई मौकों पर किम की बहन किम यो जोंग उनकी सिगेरट बट संभालती दिखीं. बाद में उसे जला दिया जाता है. 

कोविड के दौर में किम की हेल्थ को लेकर कई अनुमान लगते रहे. वे लंबे समय तक मीडिया में नहीं दिखे थे, तब कईयों ने ये कहना शुरू कर दिया कि शायद उन्हें हार्ट अटैक आया हो. हालांकि किम को दिल की बीमारी है भी, या नहीं, या फिर मोटापे के अलावा उनको किसी तरह की समस्या है, ये सबकुछ सीक्रेट है. 

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क्या होता है DNA

कोरिया के इस शासक के डर के साथ ये बात भी उठती है कि DNA क्या है और इसके नमूने आखिर किन-किन चीजों से लिए जा सकते हैं. इसका फुल फॉर्म है- डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड. ये एक न्यूक्लियस है, जिसमें इंसान या पशु किसी की भी जेनेटिक इंफॉर्मेशन होती है. तुड़ी-मुड़ी सीढ़ी की तरह दिखने वाला ये स्ट्रक्चर जांचने पर ये पता लगाया जा सकता है कि किसी की सेहत कैसी है. 

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किनसे मिल सकता है डीएनए

पसीना या बालों की रूसी से डीएनए का पता किया जा सकता है.

कोई चेहरा पोंछकर टिश्यू रख दे तो उससे भी इसकी जानकारी निकाली जा सकती है.

इस्तेमाल किया हुआ कंडोम डीएनए की पोल खोल सकता है.

सिगरेट की बट से भी ये इंफॉर्मेशन निकल सकती है.

नाखून के टुकड़े में अक्सर कुछ क्यूटिकल्स रह जाते हैं, ये भी डीएनए के बारे में बताता है. 

कान की मैल से भी जेनेटिक जानकारी आसानी से निकल आती है. 

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कितना असल है किम का डर

किम जोंग का डर पूरी तरह से हवा-हवाई भी नहीं है. लगभग एक दशक पहले संवेदनशील डॉक्युमेंट्स को ऑनलाइन कर देने वाली विकिलीक्स ने सनसनीखेज खुलासा किया था. उसने कई पक्के दस्तावेजों के साथ दावा किया कि अमेरिका दुनियाभर के सारे बड़े नेताओं के DNA हैक करने की कोशिश में लगा है. विकिलीक्स ने यूएस डिप्लोमेट्स की बातचीत ऑन एयर कर दी, जिसमें वे लीडर्स की जेनेटिक जानकारी निकाल रहे थे.

इन चीजों का लिया जा रहा था सैंपल

यूएस सरकार कथित तौर पर चुपके-चुपके दुनिया के तमाम बड़े राजनेताओं का DNA सैंपल इकट्ठा करती रही है ताकि उनसे अहम जानकारियां हासिल की जा सके. अमेरिकी इंटेलिजेंस ने इसके लिए फिंगरप्रिंट, चेहरे की इमेज, DNA और आंखों का स्कैन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. 

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कैसे किया जा रहा था ये 

विकिलीक्स में इसकी पूरी जानकारी नहीं थी, लेकिन कथित लीक हुए दस्तावेजों के मुताबिक यूनाइटेड नेशन्स में आने वाले विदेशी नेताओं और डिप्लोमेट्स की सिक्योरिटी पक्की करने के नाम पर ऐसा कुछ हो रहा था. साल 2009 में दावा किया गया कि यूएस के निशाने पर चीन, क्यूबा, इजिप्ट, भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, सूडान, युगांडा, नॉर्थ कोरिया और सीरिया थे.

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