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मेनका, स्मृति हारे, क्या हुआ बाकी चर्चित चेहरों का, इस बार संसद में क्यों नहीं दिख रहा एक तिहाई महिला आरक्षण!

लोकसभा चुनाव 2024 की तस्वीर साफ होने के साथ ही तीसरी बार सरकार बनाने की एनडीए की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इस चुनाव में कई महिला दिग्गजों का खूब शोर था, फिर चाहे वे कंगना हों, या नवनीत राणा. जानिए, क्या हुआ उनके साथ. क्या संसद में उतनी महिला लीडर्स आ रही हैं, जिसका वादा 33 फीसदी आरक्षण करता है? या इसमें कोई रोड़ा है.

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महिला सांसदों की संख्या लगभग पिछली लोकसभा जितनी ही है. (Photo- PTI)
महिला सांसदों की संख्या लगभग पिछली लोकसभा जितनी ही है. (Photo- PTI)

चुनावी दौर खत्म होने के बाद अब सरकार बनने-बिगाड़ने का चरण चल रहा है. बैठकें, मेल-मुलाकातें जारी हैं. वैसे पूरे चुनावों में कई हॉट सीट्स काफी चर्चा में रहीं, जहां से महिला कैंडिडेट खड़ी हुई थीं. कई बड़े मार्जिन से जीतकर आईं तो कई लोकप्रियता के बाद भी पीछे रह गईं. जानिए, इस लोकसभा में कितनी महिला सांसद रहने वाली हैं, और एक तिहाई का आंकड़ा छू सकें तो कैसी होगी तस्वीर. 

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लंबे समय तक अटका रहा आरक्षण

कई दशकों से दोनों सदनों में एक तिहाई महिला आरक्षण की बात हो रही थी, लेकिन ये आते हुए रुक जाता था. ज्यादातर दल आपस में ही खींचातानी कर रहे थे कि रिजर्वेशन न मिल सके. उन्हें डर था कि बिल पारित हो गया तो चूंकि उनके पास मजबूत महिला लीडर हैं ही नहीं तो उनकी सीटें प्रभावित होंगी. खिंचते-खिंचाते, पिछले साल ही ये पारित हो सका. 

क्या होगा रिजर्वेशन के बाद

महिला आरक्षण बिल तय करता है कि लोकसभा, विधानसभा समेत दिल्ली विधानसभा में 33% सीटें महिलाओं के लिए पक्की हो सकें. काफी लंबी बहसा-बहसी के बाद ये रिजर्वेशन लाया जा सका. प्रतिशत के हिसाब से देखें तो सीधा मतलब है कि लोकसभा की 543 सीटों में से 181 सीटें महिलाओं के लिए पक्की रहेंगी. हालांकि, पिछले सितंबर में ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया था कि 2024 के चुनावों में प्रैक्टिकल मुश्किलों की वजह से रिजर्वेशन लागू नहीं हो सकता.

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जनगणना और परिसीमन के बाद इसमें तेजी आएगी. देखा जाएगा कि कुल आबादी में महिलाएं कितनी हैं, इसके बाद उनका प्रतिनिधित्व तय होगा. आखिरी सेंसस साल 2011 में हुआ था. अब आबादी के हिसाब से संसदीय सीटें बढ़ने के साथ ही महिलाओं की संख्या भी निर्धारित होगी, जो कुल का एक तिहाई होगी. 

women candidates constituencies lok sabha 2024 result women reservation photo India Today

ये तो हुई थ्योरी की बात. फिलहाल आरक्षण आने और संसद में उसकी झलक दिखने में काफी वक्त लग सकता है, लेकिन इस बार क्या हुआ. कई सीट्स तो इसलिए चर्चा में रहीं क्योंकि वहां कोई लोकप्रिय महिला चेहरा दावेदार था. वे कहां हैं. 

कितनी नेता चुनी गईं

लोकसभा की 543 सीटों में 79 महिलाएं चुनकर आई हैं. इंडियन एक्सप्रेस ने ये डेटा इलेक्शन कमीशन के हवाले से दिया है. ये साल 2019 की तुलना में आंशिक रूप से ही ज्यादा है, जब 78 महिला सांसद थीं. ये कमी काउंटिंग के बाद नहीं दिखी, बल्कि पहले ही शुरू हो चुकी थी. इलेक्शन में कुल 8,337 उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया, जिनमें महिलाओं की संख्या केवल 797 थी. वैसे चुनावी दावेदारी में पिछली बार के मुकाबले ये संख्या ज्यादा थी. साल 2019 में 720 महिलाएं चुनाव में खड़ी हुई थीं. 

किस पार्टी में सबसे ज्यादा महिला प्रतिनिधित्व 

इस लोकसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से 16% महिला कैंडिडेट्स थीं. वहीं कांग्रेस ने 13% महिला चेहरे उतारे. आम आदमी पार्टी ने किसी महिला पर दांव नहीं लगाया. स्थानीय पार्टियों ने इसपर ज्यादा काम किया, जैसे बीजू जनता दल और तृणमूल. 

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बता दें कि साल 2019 के चुनाव में बीजद और टीएमसी से ही सबसे अधिक महिला सांसद चुनकर आई थीं. बीजद से सबसे अधिक 42 फीसदी महिलाएं सांसद चुनी गई थीं, वहीं टीएमसी से 39 फीसदी महिलाएं सांसद बनी थीं. इसके बाद वाईएसआर से 18 फीसदी, भाजपा से 14 फीसदी, शिवसेना से 11, डीएम के से 8 एवं जदयू से 4 फीसदी महिलाएं सांसद चुनी गई थीं. 

women candidates constituencies lok sabha 2024 result women reservation photo PTI

जीत-हार का डेटा

भाजपा की 69 महिलाओं में से लगभग आधी की जीत हुई. 

कांग्रेस की 41 महिला दावेदारों में से 13 जीत सकीं. 

तृणमूल कांग्रेस ने 12 महिलाओं को टिकट दी, जिनमें से 10 को जीत मिली. 

सपा की 5 महिलाएं अपने क्षेत्र से जीतकर आ चुकी हैं. 

कुल 797 महिला उम्मीदवारों में से 276 महिलाएं निर्दलीय लड़ी थीं. लेकिन उनमें से कोई जीत नहीं सका. 

नई लोकसभा में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा महिला प्रतिनिधित्व दिखेगा. ये डेटा माई नेता वेबसाइट और ईसीआई के रिजल्ट से लिया गया है.  

क्यों कम टिकट्स मिलती हैं

इसपर काफी बात होती रही. एक्सपर्ट मानते हैं कि अव्वल तो भेद के चलते महिलाओं को टिकट मिलती ही कम है, और दी भी जाए तो अक्सर ऐसी जगहों से दी जाती हैं, जहां से उस पार्टी की ही जीतने की संभावना बहुत कम हो. तो पार्टियां महिला कैंडिडेट को सीट देकर एक तरह से रस्म अदायगी भी कर लेती हैं, और हारने पर दुख भी नहीं होता है. एक बड़ा कारण ये भी है कि टिकट किसे मिले, किसे नहीं, ये तय करने का काम पार्टी का हायर लेवल देखता है, जिसमें अधिकतर में महिलाएं मिसिंग हैं. 

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women candidates constituencies lok sabha 2024 result women reservation photo PTI

किन बड़े चेहरों की हुई हार

इसमें सबसे ज्यादा नाम स्मृति ईरानी का लिया जा रहा है. अमेठी की पूर्व सांसद इस बार कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल से बड़े अंतर से हार गई. मेनका गांधी को सुल्तानपुर से सपा के रामभुआल निषाद ने हराया. सुल्तानपुर से वे पहले भी दो बार हार चुकी हैं. तेलंगाना की हैदराबाद सीट से चर्चित प्रत्याशी माधवी लता को ओवैसी से हार मिली. जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-रजौरी सीट से महबूबा मुफ्ती हार गईं. 

कौन से चर्चित चेहरे जीते

यूपी की मथुरा सीट से बीजेपी की हेमा मालिनी ने जीत दर्ज की. हिमाचल प्रदेश की मंडी से कंगना रनौत ने बड़े अंतर से जीत पाई. उत्तर प्रदेश के मैनपुरी क्षेत्र से सपा की डिंपल यादव ने शानदार जीत पाई. महुआ मोइत्रा ने पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट पर दूसरी बार जीत दर्ज की. हरियाणा की सिरसा सीट से कांग्रेस की कुमारी शैलजा ने जीत हासिल की. 

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