
करौली में हुए दंगे हों या नूपुर शर्मा विवाद को लेकर उदयपुर में हुई टेलर कन्हैयालाल की हत्या- धर्मिक तनाव के मसलों को लेकर राजस्थान इस साल चर्चा में रहा है. और अब कई सोशल मीडिया यूजर्स ऐसा आरोप लगा रहे हैं कि राजस्थान सरकार हिंदू विरोधी है और एक रणनीति के तहत हिंदुओं के त्यौहारों पर रोक लगा रही है. ऐसा कहने वाले लोग तीन तस्वीरों का एक कोलाज शेयर कर रहे हैं.
इसमें लिखा है, 'सनातन त्यौहारों की दुश्मन है राजस्थान सरकार. नवरात्रे पर हिंगलाज माता मंदिर में धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंध. अजमेर रामनवमी पर शोभा यात्रा निकालने पर रोक. अलवर जैन समाज की शोभायात्रा देखने और झंडे लगाने पर बैन.'
इस कोलाज को शेयर करते हुए एक फेसबुक यूजर ने लिखा, “सनातन त्यौहारों की दुश्मन है राजस्थान सरकार.”

इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि राजस्थान में हिंदुओं के त्यौहारों पर पाबंदी लगने की बात गलत है. वहां न तो हिंगलाज माता के मंदिर में किसी धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंध लगा था और न ही अजमेर या अलवर में शोभा यात्राओं पर कोई रोक लगाई गई थी.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
हमने राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित हिंगलाज माता के मंदिर से जुड़ी खबरों के बारे में थोड़ी खोजबीन की. हमें ट्विटर पर बाड़मेर पुलिस का एक ट्वीट मिला. 27 सितंबर के इस ट्वीट में हिंगलाज माता के मंदिर में पूजा या प्रवेश पर रोक लगने की बात को गलत बताया गया है.
इससे पहले 25 सितंबर को भी बाड़मेर पुलिस की ओर से एक ट्वीट के जरिये बताया गया था कि खत्री समाज के दो गुटों के बीच विवाद चल रहा है. ये भी लिखा था कि खत्री समाज के इन दोनों गुटों को हिंगलाज माता मंदिर में कथा वाचन या गरबा आयोजित करने से पहले कार्यपालक मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी. लेकिन, आम जनता या खत्री समाज को पूजा या दर्शन करने से नहीं रोका गया था.

वहीं अजमेर में रामनवमी की शोभा यात्रा पर रोक लगने जैसी कोई खबर हमें नहीं मिली. अलबत्ता, हमें 10 अप्रैल, 2022 की ‘अमर उजाला’ की एक रिपोर्ट मिली जिसके मुताबिक अजमेर समेत राजस्थान के कई शहरों में रामनवमी के मौके पर भव्य शोभा यात्राएं निकाली गईं.
अजमेर के ‘आजतक’ संवाददाता चंद्रेश शर्मा ने बताया कि वहां रामनवमी की शोभा यात्रा पर कोई रोक नहीं लगी थी. उनके मुताबिक इसी साल जुलाई में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के रूट में बदलाव जरूर किया था और उसे अजमेर की दरगाह के रास्ते से नहीं निकाला गया था, लेकिन यात्रा पूरी की गई थी.
वहीं अलवर में जैन समाज की शोभा यात्रा को देखने या झंडे लगाने पर पाबंदी लगाने की कोई खबर हमें नहीं मिली. अलवर के ‘आजतक’ संवाददाता देवेंद्र भारद्वाज ने हमें बताया कि वहां सरकार ने जैन समाज की शोभा यात्रा पर किसी भी तरह की पाबंदी नहीं लगाई थी.