नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नीतियों का कट्टर विरोधी माना जाता है, लेकिन क्या कभी उन्होंने किसी इंटरव्यू में ये कहा कि मोदी का शपथग्रहण देखने से बेहतर मैं कार्टून नेटवर्क देखना पसंद करूंगा?
कई फेसबुक यूजर्स और बांग्ला में एक ब्लॉग ने ये दावा किया है कि उन्होंने ये बात बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कही.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रुम (AFWA) ने पाया कि ये दावा झूठा है और डॉ अमर्त्य सेन ने ऐसी कोई बात नहीं कही.
कई फेसबुक पेज जैसे ‘BJP West Bengal' और ‘ओट्टमान एंपायर’ ने भारत न्यूज में छपे एक ब्लॉग को शेयर किया है. एक और फेसबुक पेज भारतन्यूज.कॉम ने भी ये खबर शेयर की.
भारत न्यूज ने ये खबर लोकसभा के नतीजों के ऐलान के एक दिन बाद 24 मई को प्रकाशित की थी. इसमें दावा किया गया कि ब्रिटिश मीडिया को दिये इंटरव्यू में डॉ सेन ने कहा कि वो मोदी का शपथग्रहण देखने के बजाए कार्टून नेटवर्क देखना पसंद करेंगे. इसमें ये भी लिखा है कि डॉ सेन के मुताबिक मोदी एक भ्रष्ट नेता हैं और एक अक्षम प्रशासक भी.
ब्लॉग के मुताबिक डॉ सेन ने कहा कि भारतीय मतदाता अपना दिमागी संतुलन खो बैठे हैं और उन्हें अच्छे बुरे की पहचान नहीं है. ब्लॉग के अंत में इसमें बीबीसी लंदन को स्रोत बताया गया है.
डॉ सेन ने ‘The New York Times ’ में 24 मई को एक लेख लिखा था जब मोदी के नेतृत्व में एनडीए ने विशाल जीत दर्ज की थी. इसमें उन्होंने लिखा कि ‘’मोदी ने सत्ता हासिल कर ली लेकिन विचारों की जंग नहीं जीत पाये.’’
मगर कही भी नोबेल पुरस्कार विजेता ने ये नहीं कहा जो भारत न्यूज में छपा है.
हमने डॉ सेन के पहले के लेखों की भी पड़ताल की लेकिन हमें ऐसी कोई बात नहीं मिली जो वायरल पोस्ट में लिखी गई हो.
हमने पाया कि डॉ सेन ने चुनावी नतीजों के बाद आखिरी लेख न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखा था, इसलिए ये वायरल दावा झूठा है.