यूपी में माफिया से बाहुबली नेता बने मुख्तार अंसारी की मौत पर उनके बेटे का कहना है कि उनके पिता को जेल में धीमा जहर दिया जा रहा था. लोग अंसारी की 'हत्या' की आशंका जाहिर करते हुए सीबीआई जांच की मांग भी कर रहे हैं.
इसी के मद्देनजर सोशल मीडिया पर गृह मंत्री अमित शाह का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो शेयर करते हुए लोग कह रहे हैं कि सार्वजनिक मंच से गृह मंत्री ने ये बात खुलकर कह दी है कि अंसारी की मौत में भारतीय जनता पार्टी की सरकार का हाथ है.
वायरल वीडियो में अमित शाह तंज करते हुए कह रहे हैं कि उनकी सरकार ने जनता को ‘निजाम’ से मुक्ति दिलाई है. फिर वो बोलते हैं कि " ‘NIZAM’ में ‘एन’ का मतलब है नसीमुद्दीन सिद्दीकी से मुक्ति बीजेपी ने दिलाई. ‘आई’ का मतलब इमरान मसूद से मुक्ति बीजेपी ने दिलाई. आजम खान से मुक्ति बीजेपी ने दिलाई दिलाई, अतीक अहमद से मुक्ति बीजेपी ने दिलाई". आखिर में शाह बोलते हैं कि बीजेपी ने मुख्तार अंसारी से भी मुक्ति दिलाई.
सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि अमित शाह का ये बयान मुख्तार अंसारी की मौत के बाद का है जिससे समझ आता है कि उनकी मौत हार्ट अटैक से नहीं हुई बल्कि उन्हें मारा गया है.
लोग लिख रहे हैं कि शाह के इस बयान का उच्च न्यायालय को संज्ञान लेना चाहिए. इस तरह के तमाम कैप्शन्स के साथ ये वीडियो एक्स पर सैकड़ों लोग शेयर कर चुके हैं. लगभग सभी पोस्ट इसी तरफ इशारा कर रहे हैं कि अमित शाह ने मुक्ति दिलाने वाली बात अंसारी की मौत के बाद गृह मंत्री रहते हुए कही है. वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
यहां बता दें कि 28 मार्च 2024 को मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में तबियत बिगड़ी थी. उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है.
'आज तक' फैक्ट चेक ने पाया कि अमित शाह का ये वायरल वीडियो मुख्तार अंसारी की मौत के बाद का नहीं बल्कि अप्रैल 2019 का है. उस समय शाह देश के गृह मंत्री भी नहीं थे.
कैसे पता चली सच्चाई?
गौर से देखने पर वायरल वीडियो की शुरुआत में ही ऊपर के बाएं कोने पर “10.04.2019” और “Kasganj, Uttar Pradesh” लिखा दिखता है. कीवर्ड सर्च करने पर हमें ये वीडियो बीजेपी के आधिकारिक एक्स हैंडल पर मिल गया. यहां इसे 10 अप्रैल 2019 को शेयर किया गया था. सच्चाई यहीं सामने आ गई कि वीडियो पांच साल पुराना है.
2019 में अमित शाह बीजेपी के अध्यक्ष थे. वो भारत के गृह मंत्री, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में बने थे. अमित शाह ने ये बयान लोकसभा चुनाव 2019 के प्रचार के दौरान यूपी के कासगंज में हुई एक रैली में दिया था. इस रैली को लेकर उस समय खबरें भी छपी थीं.
वीडियो में मुख्तार अंसारी के अलावा शाह जिन अन्य लोगों का नाम ले रहे हैं वो सभी यूपी में बीजेपी के अलग-अलग विरोधी दलों के सदस्य रहे हैं. मुख्तार अंसारी यूपी के मऊ से पांच बार के विधायक रह चुके थे. उन्होंने जेल में रहते हुए भी चुनाव जीते और अपना साम्राज्य बढ़ाया. इस दौरान उनपर दर्जनों आपराधिक मामले भी दर्ज हुए.
खबरों के मुताबिक, 2017 में यूपी में योगी सरकार बनने के बाद उनके बुरे दिन शुरू हो गए. अंसारी के खिलाफ दर्ज मुकदमों की कोर्ट में पैरवी शुरू हो गई और सरकार की सख्ती से उनका साम्राज्य ध्वस्त होने लगा. वो कमजोर पड़ने लगे.
जाहिर है कि इसी को लेकर अमित शाह ने ये बयान 2019 में दिया था. इसे मुख्तार अंसारी की मौत के बाद का बता कर भ्रामक दावा किया जा रहा है.