scorecardresearch
 

फैक्ट चेक: "भारत बंद" को लेकर शेयर हुई पटना की पांच साल पुरानी तस्वीर, देश खुले होने का हुआ दावा

इस बीच ट्विटर पर एक तस्वीर भी जमकर वायरल होने लगी जिसमें सड़क पर कई वाहन और लोग नजर आ रहे हैं. दावा है कि फोटो गुजरात के सूरत की है जहां लोगों ने आज भारत बंद का समर्थन नहीं किया.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
तस्वीर में देखा जा सकता है कि सूरत में सोमवार को किसानों की ओर बुलाए गए "भारत बंद" का कोई असर नहीं हुआ.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
इस तस्वीर का "भारत बंद" से कोई लेना देना नहीं है. यह लगभग पांच साल पुरानी पटना की तस्वीर है. हालांकि, ये सच है कि सूरत में "भारत बंद" का कुछ खास असर देखने को नहीं मिला.

कृषि कानूनों के खिलाफ बुलाए गए "भारत बंद" को किसान नेता राकेश टिकैत ने सफल बताया है. वहीं बीजेपी के कुछ लोगों का कहना है कि "भारत बंद" विफल रहा. इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी दिनभर खींचतान चलती रही. एक तरफ #भारत_बंद_ है हैशटैग टि्वटर पर ट्रेंड हुआ, वहीं दूसरी तरफ सरकार के समर्थकों ने #भारत_खुला_ है का इस्तेमाल करते हुए पोस्ट शेयर किए.

Advertisement

इस बीच ट्विटर पर एक तस्वीर भी जमकर वायरल होने लगी जिसमें सड़क पर कई वाहन और लोग नजर आ रहे हैं. दावा है कि फोटो गुजरात के सूरत की है जहां लोगों ने आज भारत बंद का समर्थन नहीं किया. #भारत_खुला_है हैशटैग के साथ तस्वीर ट्विटर पर कई यूजर्स साझा कर चुके हैं. तस्वीर के साथ कुछ अन्य शहरों का नाम भी जोड़ा जा रहा है.  


क्या है सच्चाई?

इंडिया टुडे ने अपनी पड़ताल में पाया कि इस तस्वीर का भारत बंद से कोई लेना देना नहीं है. यह लगभग पांच साल पुरानी पटना की तस्वीर है.

तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें "Patna Beats" नाम के एक पोर्टल की खबर मिली. नवंबर 2016 में प्रकाशित हुई इस खबर में वायरल फोटो मौजूद थी. खबर पटना में पार्किंग की समस्या को लेकर थी. तीन साल पहले "दैनिक भास्कर" ने भी इस तस्वीर को पटना से जुड़ी एक खबर में इस्तेमाल किया था. हालांकि, इन खबरों में तस्वीर का सोर्स नहीं दिया गया था.

Advertisement


कैसे की पड़ताल?

फोटो में पीले रंग में पुती एक इमारत पर एक बोर्ड टंगा हुआ है जिस पर "INSTITUTE FOR ENGINEERS" लिखा दिख रहा है. इस इंस्टिट्यूट को इंटरनेट पर खोजने पर हमें "Patna Institute for Engineers" की एक संस्था का फोन नंबर मिला. 

संपर्क करने पर पता चला कि यह नंबर इस संस्था को चलाने वाले निशांत नाम के एक व्यक्ति का था. जानकारी स्पष्ट करने के लिए हमने निशांत को यह फोटो भेजी. निशांत ने हमें बताया कि फोटो में इमारत पर लगा बोर्ड उन्हीं की पटना स्थित कोचिंग का था जो कई साल पहले बंद हो चुकी है. निशांत के अनुसार, तस्वीर पटना के राजेंद्र नगर इलाके की है और नजदीक ही राजेंद्र नगर रेलवे स्टेशन भी मौजूद है. उनका कहना था कि इस इमारत के सामने जो काला गेट दिख रहा है वो पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय का है.

निशांत द्वारा दी गई जानकारी गूगल मैप्स से भी पुख्ता हो जाती है. गूगल मैप्स पर हमें पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के आसपास की कुछ और तस्वीरें मिलीं. इन तस्वीरों को अगर वायरल तस्वीर से मिलाएं तो बात साफ हो जाती है कि ये पटना का राजेंद्र नगर इलाका ही है. वायरल फोटो राजेंद्र नगर ओवर ब्रिज से ली गई होगी.

हमारी जांच में ये बात साबित हो जाती है ‌कि लगभग पांच साल पुरानी पटना की तस्वीर को सूरत का बताया जा रहा है और इसे सोमवार को बुलाए गए भारत बंद से जोड़ा गया है.

Advertisement

भारत बंद के दिन क्या रहे सूरत के हाल?

"अहमदाबाद मिरर" की एक रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में भारत बंद का असर मिलाजुला रहा. खबर के मुताबिक, शहरी क्षेत्रों में बंद का असर ना के बराबर रहा. हालांकि, कुछ जगह विरोध प्रदर्शन जरूर हुआ. सूरत में टायर जलाने और हाईवे ब्लॉक करने की कोशिश की गई थी लेकिन पुलिस ने पहले ही आंदोलनकारियों को हिरासत में ले लिया. "आज तक" के सूरत संवाददाता का भी यही कहना था कि बंद का असर शहर में देखने को नहीं मिला. इसका असर दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर जरूर हुआ जहां गाड़ियों का लंबा जाम लग गया. इसकी तस्वीरें भी इंटरनेट पर घूम रही हैं.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Advertisement
Advertisement