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किसी शादी या कार्यक्रम में बचा हुआ खाना देख कर आपके मन में भी ये खयाल जरूर आया होगा कि इसे बर्बाद होने के बजाय किसी जरूरतमंद को दे दिया जाए. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसमें ये बताया जा रहा है कि आप ये खाना 1098 पर फोन करके उनको दे सकते हैं जिसे गरीब बच्चों में बांट दिया जाएगा.
इस पोस्ट में लिखा है, “खुशखबरी: प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा के अनुसार - अगर आपके घर में कोई समारोह / पार्टी है और बहुत सारा खाना बर्बाद हो जाता है, तो कृपया 1098 (भारत में कहीं भी) पर कॉल करें - चाइल्ड हेल्पलाइन के लोग और भोजन एकत्र किया जाएगा. कृपया इस संदेश को हर जगह फैलाएं कि कई बच्चे खाने से मदद मिल सकती है ”
ऐसे ही कुछ और पोस्ट यहां और यहां देखी जा सकती हैं.
हमने अपनी जांच में पाया कि फोन नंबर 1098 का बचे हुए खाने से कोई लेना-देना नहीं है. ये चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन का नंबर है. ये एजेंसी बचा हुआ खाना इकट्ठा नहीं करती है और प्रधानमंत्री ने भी ऐसी कोई घोषणा नहीं की है.
कैसे पता लगी सच्चाई ?
इंटरनेट पर खोजने से हमें यह नंबर चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन की वेबसाइट पर मिला. इस वेबसाइट के मुताबिक फोन नंबर 1098 बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के लिए 24 घंटे और 365 दिन चलने वाला एक टोल फ्री नंबर है. बच्चों से संबंधित किसी भी समस्या के लिए इस नंबर पर मदद मांगी जा सकती है.
चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन के वेरिफाइड फेसबुक पेज पर हमें 22 अक्टूबर 2014 की एक पोस्ट भी मिली. इसमें साफ लिखा है कि इस नंबर पर बचा हुआ खाना इकट्ठा करने के लिए फोन करने की बात एकदम गलत है. ये एजेंसी खाना इकट्ठा करने या बांटने का काम नहीं करती.
हमें पीआईबी फैक्ट चेक का 17 मई 2022 को किया गया एक ट्वीट भी मिला. इस ट्वीट में भी यही बात कही गई है कि 1098 का खाना इकट्ठा करने से कोई लेना - देना नहीं है.
A #Fake message circulating on social media claims that you can call on '𝟭𝟬𝟵𝟴' to prevent food wastage at functions#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 17, 2022
▶️1098 is a childline emergency phone service that provides assistance to children in distress
▶️It doesn't pick up/distribute food to needy pic.twitter.com/y86K1CxTSr
26 मार्च 2017 को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाने की बर्बादी के बारे में बात की थी. लेकिन उन्होने किसी भी नंबर का जिक्र नहीं किया था.
चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन भले ही खाना इकट्ठा करने का काम न करता हो लेकिन कुछ दूसरी प्राइवेट संस्थाएं हैं जो ये काम करती हैं. जैसे कि ‘नो फूड वेस्ट’, ‘फीडिंग इंडिया’ और ‘मेरा परिवार’. ऐसी कुछ और संस्थाओं के बारे में आप यहां पढ़ सकते है.