समाजवादी पार्टी के दो नेताओं नवाब सिंह यादव और मोईद खान पर बलात्कार के आरोप लगने के बाद से पार्टी लगातार सवालों के घेरे में है. इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल है, जिसमें वो एक गेट पर चढ़कर दूसरी तरफ कूदते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो में पत्रकारों की भीड़ भी देखी जा सकती है. सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि अखिलेश यादव अपनी पार्टी के नेताओं पर लगे रेप के आरोपों पर मीडिया के सवालों से बचने के लिए इस तरह से भाग रहे हैं.
वायरल वीडियो को एक्स पर शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, “वीडियो देखें... अखिलेश यादव जी के करीबी सपा नेता नवाब सिंह यादव पर रेप का आरोप लगा,आज DNA से पुष्टि भी हो चुकी है, लेकिन सपा प्रमुख मीडिया से डर कर गेट पर चढ़ गए और भाग निकले. मीडिया से भाग गये जनता से कब तक भागोगे? आने वाले चुनाव में जनता सपा नेता को दौड़ा दौड़ा कर मारेंगे.”
वायरल वीडियो को इन्हीं दावों के साथ फेसबुक पर भी शेयर किया गया है. ऐसे एक पोस्ट का आर्काव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये जयप्रकाश नारायण जयंती का अक्टूबर 2023 का वीडियो है. अखिलेश यादव को लखनऊ के जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर में पुष्पांजलि अर्पित करने से रोका गया था, जिसके बाद वो गेट फांद कर अंदर घुस गए थे.
कैसे पता चली सच्चाई?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें अक्टूबर 2023 की कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं जिनमें इस वीडियो को इस्तेमाल किया गया था. एबीपी न्यूज की 11 अक्टूबर की रिपोर्ट के मुताबिक ये घटना उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुई थी. इतनी बात तो यहीं साफ हो गई कि ये वीडियो हाल का नहीं है.
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 11 अक्टूबर को जय प्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर अखिलेश यादव जेपी नारायण इंटरनेशनल सेंटर में लगी जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण करना चाहते थे. मगर लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी (एलडीए) ने उनको अनुमति न देते हुए सेंटर का गेट बंद कर दिया था. मगर अखिलेश यादव वहां पहुंचे और गेट कूद कर अंदर घुस गए.
हमें एएनआई के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर इस घटना वीडियो भी मिला. इस ट्वीट में भी यही बताया गया है कि अखिलेश यादव जेपीएनआईसी का गेट बंद होने के चलते गेट पर चढ़कर अंदर घुसे थे.
मीडिया खबरों में बताया गया है कि अखिलेश यादव द्वारा जेपी नारायण को श्रद्धांजलि देने के कार्यक्रम का जिम्मा सपा के तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी को दिया गया था. राजेंद्र चौधरी ने एलडीए से कार्यक्रम की अनुमति मांगी थी मगर एलडीए ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी थी.
इस मामले पर अखिलेश यादव ने भी ट्वीट करते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साधा था.
हमें एनडीटीवी की एक वीडियो रिपोर्ट भी मिली जिसमें गेट फांदने के बाद अखिलेश यादव जेपी नारायण की मूर्ति पर माल्यार्पण करते हुए दिख रहे हैं.
साफ है कि अखिलेश यादव के गेट से कूदने के साल भर पुराने वीडियो को अब भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.