अनुच्छेद 370 को लेकर सरकार के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों की भी भरमार हो गई है. इसी तरह से एक फर्जी वीडियो यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को लेकर भी वायरल हुआ. इसमें दावा किया गया कि अनुच्छेद 370 पर सरकार के फैसले के विरोध में प्रदर्शन करने पर पुलिस अखिलेश को घसीटते हुए थाने ले गई है. वीडियो में देखा जा सकता है कि अखिलेश यादव को पुलिस भीड़ के बीच से जबरन कार में बिठाकर कहीं ले जा रही है, जिसका अखिलेश विरोध कर रहे हैं.
दावे का सच
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि ये वायरल वीडियो आठ साल पुराना है और इसका अनुच्छेद 370 से कोई लेना-देना नहीं है.
फेसबुक पेज Modi News सहित कई लोगों ने इस भ्रामक वीडियो को शेयर किया है. वीडियो को अभी तक हजारों लोग शेयर कर चुके हैं.
दावे का पर्दाफाश
कुछ कीवर्ड्स की मदद से हमें इस वीडियो की असलियत पता चल गई. यूट्यूब पर हमें टाइम्स नाऊ न्यूज चैनल का एक आठ साल पुराना वीडियो मिला, जिसमें वायरल वीडियो देखा जा सकता है. टाइम्स नाऊ के मुताबिक, मार्च 2011 में पुलिस ने अखिलेश यादव को मायावती सरकर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने पर लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया था. वायरल वीडियो उसी समय का है. टाइम्स नाऊ के वीडियो में 42 सेकंड के बाद वायरल वीडियो को देखा जा सकता है.
इस खबर को उस वक्त प्रमुखता से मीडिया में कवर किया गया था.
अनुच्छेद 370 पर सपा का रुख
गृह मंत्री अमित शाह 5 अगस्त 2019 को संसद में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो हिस्सों में विभक्त करने का प्रस्ताव लेकर आए थे. उस दिन इस प्रस्ताव पर अखिलेश यादव ने कहा था कि देश की एकता को मजबूत करने वाले किसी भी फैसले का स्वागत है, लेकिन लोकतंत्र में कोई भी फैसला बिना आम सहमति के, डर या जोर जबरदस्ती के दम पर नहीं होना चाहिए.
Any move that seeks to strengthen the integrity of India is to be welcomed. But in a democracy decisions must be made by consensus, not by threat, force or fear. All parties should be part of talks and due process. Nothing should be unilateral for that only leads to more strife.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 5, 2019
अगले दिन लोकसभा में आर्टिकल 370 संबंधी बिल पर जब वोटिंग हुई तो समाजवादी पार्टी ने इसका विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट किया था. अखिलेश का कहना था कि उन्होंने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को लेकर सरकार से कुछ सवाल किए थे जिसका उन्हें जवाब नहीं मिला. इसी कारण से उन्होंने बिल का बहिष्कार किया.
यहां पर ये बात साफ होती है कि समाजवादी पार्टी ने आर्टिकल 370 संबंधी बिल का विरोध तो किया था लेकिन प्रदर्शन के इस वायरल वीडियो का अनुच्छेद 370 से कोई लेना देना नहीं है.