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फैक्ट चेक: मनाली में अमेरिकी पर्यटक के साथ हुआ गैंगरेप? 11 साल पुरानी है ये घटना

सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि भारत घूमने आई एक अमेरिकी पर्यटक के साथ हिमाचल प्रदेश के मनाली में सामूहिक बलात्कार किया गया. हालांकि, आज तक की फैक्ट चेक टीम ने जब इस दावे की पड़ताल की तो सच्चाई कुछ और ही निकली.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
भारत घूमने आई एक अमेरिकी पर्यटक के साथ हिमाचल प्रदेश के मनाली में सामूहिक बलात्कार किया गया.
Social media users
सच्चाई
ये घटना सही तो है लेकिन 2013 की है, हाल फिलहाल की नहीं.

मार्च 2024 में झारखंड में स्पेनिश महिला के साथ गैंगरेप की चौंकाने वाली घटना सामने आई थी. और अब एक वीडियो न्यूज रिपोर्ट के जरिये कहा जा रहा है कि भारत घूमने आई एक अमेरिकी पर्यटक के साथ यहां सामूहिक बलात्कार किया गया है.

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ये रिपोर्ट, अमेरिकी मीडिया संस्था सीबीएस न्यूज की है, जिसमें बताया जा रहा है कि 30 वर्षीय महिला के साथ ये घटना हिमाचल प्रदेश के मनाली में हुई है.

ये दावा फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स पर काफी वायरल है. घटना को लेकर लोग मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

अमेरिका

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये घटना सही तो है लेकिन 2013 की है, हाल फिलहाल की नहीं.

कैसे पता की सच्चाई?

सबसे पहले हमने यूट्यूब पर इस न्यूज रिपोर्ट को कीवर्ड की मदद से सर्च किया. हमें सीबीएस न्यूज के चैनल पर ये वीडियो मिल गया. लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि वीडियो को चैनल पर 4 जून 2013 को शेयर किया गया था. यहां कहानी साफ हो गई कि ये खबर अभी की नहीं बल्कि काफी पुरानी है.

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उस समय इस घटना को लेकर कई खबरें छपी थीं. ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिकी टूरिस्ट के साथ नेपाल के रहने वाले तीन युवकों ने गैंगरेप किया था. तीनों युवक, अर्जुन (22), लक्की (24) और सोम बहादुर (24) मनाली में रहते थे और ट्रक ड्राइवर थे.

पीड़िता, हिमाचल के वशिष्ठ नाम के एक इलाके में अपने दोस्तों से मिलने गई थीं. मनाली लौटने के लिए उन्होंने आरोपियों से रास्ते में लिफ्ट मांगी. होटल छोड़ने की बजाए वो उन्हें सुनसान जगह ले गए और फिर गैंगरेप किया. महिला के साथ लूटपाट भी की गई. तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था.

इस मामले में दिसंबर 2013 में छपी सीएनएन की एक खबर में बताया गया है कि तीनों को कोर्ट ने दोषी पाया था और जुर्माने के साथ बीस साल की सजा सुनाई थी.

इस तरह ये साफ हो जाता है 11 साल से भी ज्यादा पुरानी खबर को अभी का बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है.

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