
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकारी स्कूलों में सुधार को लेकर अक्सर अपनी सरकार की तारीफ करते रहते हैं. लेकिन अब सोशल मीडिया पर सरकारी स्कूल का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है जिसके जरिए केजरीवाल पर निशाना साधा गया है. कहा जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों को मदरसे में बदलना शुरू कर दिया है.
वीडियो किसी प्राथमिक विद्यालय का है जहां एक कक्षा में बच्चों सहित मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग बैठे दिख रहे हैं. वीडियो में एक आदमी कक्षा में चल रहीं गतिविधियों पर सवाल खड़े कर रहा है और कह रहा है कि इस सरकारी विद्यालय में मौलवी बच्चों को कलमा पढ़ा रहे हैं. एक दूसरे व्यक्ति को यह कहते भी सुना जा सकता है कि क्लास रूम में मौजूद लोग भारत में इस्लामीकरण बढ़ाने की साजिश कर रहे हैं. वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी भी नजर आ रहे हैं जो एक मुस्लिम आदमी को पकड़ कर कहीं ले जा रहे हैं. दावे में वीडियो दिल्ली के विजय नगर के सरकारी स्कूल का बताया जा रहा है. फेसबुक और ट्विटर पर हजारों लोगों में शेयर हो चुका है. कैसे की पड़ताल? कुछ कीवर्ड्स की मदद से हमें फेसबुक पर वायरल वीडियो का लंबा वर्जन मिला. यहां वीडियो के साथ लिखा है कि गाजियाबाद के विजय नगर स्थित एक सरकारी स्कूल में मुस्लिमों को मीट बनाते व धर्मांतरण कराते पकड़ा गया. वीडियो के लंबे वर्जन को ध्यान से देखने पर एक जगह दीवार पर "प्राथमिक विद्यालय मिर्जापुर" लिखा नजर आता है. साथ ही, वीडियो में एक पुलिसकर्मी की बाजू पर यूपी पुलिस का बैज भी लगा दिख रहा है. खोजने पर सामने आया कि मिर्जापुर, यूपी के गाजियाबाद में एक इलाके का नाम है जहां "प्राथमिक विद्यालय मिर्जापुर" नाम का एक स्कूल सचमुच स्थित है. ये इलाका गाजियाबाद के विजय नगर में आता है.
क्या है सच्चाई? इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी जांच में पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. यह वीडियो दिल्ली का नहीं बल्कि गाजियाबाद, यूपी के एक सरकारी स्कूल का है. दिल्ली सरकार का इससे कुछ लेना-देना नहीं है. एक ट्विटर यूजर ने वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा, "दिल्ली के सरकारी स्कूलों को केजरीवाल ने मदरसे में बदलना शुरू कर दिया है दिल्ली के विजय नगर का एक सरकारी स्कूल". इसी तरह के अलग-अलग कैप्शंस के साथ यह वीडियोइसके अलावा हमें "डॉ आशुतोष गुप्ता बीजेपी" नाम के एक फेसबुक यूजर की 20 नवंबर 2021 की एक पोस्ट मिली. इस पोस्ट में वायरल वीडियो के बारे में बताया गया है. ऐसा लिखा है कि गाजियाबाद के मिर्जापुर-भूड़ इलाके का ये प्राइमरी विद्यालय आपत्तिजनक इस्लामिक गतिविधियों का अड्डा बन गया है जिसका खुलासा आशुतोष गुप्ता ने किया.
वीडियो के बारे में जानने के लिए हमने आशुतोष गुप्ता से संपर्क किया. आशुतोष ने बताया कि यह वीडियो प्राथमिक विद्यालय मिर्जापुर का है जो गाजियाबाद के विजय नगर में स्थित है. आशुतोष का कहना था कि यह वीडियो 19 नवंबर 2021 का है और उस वक्त वो इस स्कूल में ही मौजूद थे.
आशुतोष के मुताबिक, 19 नवंबर को वो इस स्कूल के सामने से निकल रहे थे जब उन्होंने देखा कि गुरु पर्व की छुट्टी के दिन बच्चों सहित कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग स्कूल के अंदर जा रहे हैं. अपने साथियों की मदद से आशुतोष को पता लगा कि स्कूल के अंदर मुस्लिम समुदाय के लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है और मांसाहारी खाना बन रहा है. इसके चलते आशुतोष को अंदर चल रही गतिविधियों पर शक हुआ और उन्होंने इस बात की जानकारी पुलिस को दी. मौके पर पुलिस पहुंची और कुछ लोगों को पकड़ कर ले गई. आशुतोष का आरोप है कि स्कूल के अंदर मुस्लिम लोग इस्लामिक एजेंडा चला रहे थे. क्या है इस मामले में यूपी पुलिस का बयान? घटना को लेकर हमारी बात विजय नगर एसएचओ योगेंद्र मलिक से हुई. योगेंद्र ने हमें बताया कि स्कूल प्रबंधन की इजाजत से रियाजुद्दीन नाम का एक व्यक्ति और उसकी पत्नी स्कूल में कई वर्षों से रह रहे थे. दोनों स्कूल की देखरेख और साफ-सफाई करते थे. अपनी पत्नी की मन्नत के चलते रियाजुद्दीन ने स्कूल में छुट्टी के दिन "कुरान खानी" नाम के एक इस्लामिक कार्यक्रम का आयोजन किया था. जब शक के चलते इस कार्यक्रम के बारे में पुलिस को सूचना मिली तो उन्होंने वहां पहुंचकर मामले की जांच की. मलिक के अनुसार, प्रथम दृष्टया में पुलिस को घटनास्थल पर कोई आपराधिक गतिविधि नहीं दिखी और ना ही कार्यक्रम में मांसाहारी खाना पाया गया. हालांकि, एसएचओ मालिक का कहना था कि मामले की जांच अभी चल रही है और गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी. स्कूल प्रिंसिपल से भी हुई हमारी बात मामले पर स्कूल की प्रिंसिपल अर्चना परमार ने भी हमें यही बताया कि स्कूल प्रबंधन कमेटी ने रियाजुद्दीन की पत्नी को अस्थायी तौर पर स्कूल की देखरेख और साफ सफाई के लिए रखा था. दोनों पति-पत्नी स्कूल में करीब दस सालों से रह रहे थे. हालांकि, अर्चना का कहना था कि इस घटना के बाद दोनों को स्कूल से तत्काल निकाल दिया गया था क्योंकि उन्होंने बिना इजाजत लिए स्कूल में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया. घटना को लेकर विजय नगर खंड की शिक्षा अधिकारी आरती गुप्ता ने भी हमें यही जानकारी दी. कुल मिलाकर हमारी पड़ताल में इस बात की पुष्टि हो जाती है कि यूपी के गाजियाबाद के वीडियो को दिल्ली का बताकर सीएम अरविंद केजरीवाल की आलोचना की जा रही है. इसके साथ ही, पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में स्कूल में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिसके आधार पर यह कहा जाए कि स्कूल में मुस्लिम समुदाय के लोग कुछ आपराधिक गतिविधि कर रहे थे. हालांकि, इस बारे में पुख्ता तौर पर कुछ भी कहना मुश्किल है क्योंकि मामले की जांच अभी जारी है.