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फैक्ट चेक: अटल बिहारी वाजपेयी के बचपन की नहीं हैं ये तस्वीरें

अटल बिहारी वाजपेयी को लेकर सोशल मीडिया पर एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर वायरल होने लगी. तस्वीर में एक महिला एक छोटे बच्चे को गोद में लिए दिख रही है. दावा किया जा रहा है कि ये अटल बिहारी वाजपेयी के बचपन की एक तस्वीर जिसमें वो अपनी मां के साथ हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
अटल बिहारी वाजपेयी की बचपन की एक तस्वीर जिसमें वो अपनी मां की गोद में दिख रहे हैं.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये तस्वीर अटल बिहारी वाजपेयी की नहीं बल्कि बिहार में मुज्ज़फ्फरपुर के रहने वाले रानू नीलम शंकर के बचपन की तस्वीर है. तस्वीर में रानू अपनी मां के साथ हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 25 दिसंबर 2020 को 96वीं जयंती थी. इस मौके पर अटल बिहारी वाजपेयी को लेकर सोशल मीडिया पर एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर वायरल होने लगी. तस्वीर में एक महिला एक छोटे बच्चे को गोद में लिए दिख रही है. दावा किया जा रहा है कि ये अटल बिहारी वाजपेयी के बचपन की एक तस्वीर जिसमें वो अपनी मां के साथ हैं. लोग इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिख रहे हैं " मां की गोद में बालक अटल जी...जन्म जयंती पर शत शत नमन". 

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इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया की तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है. ये तस्वीर अटल बिहारी वाजपेयी की नहीं बल्कि बिहार में मुज्ज़फ्फरपुर के रहने वाले रानू नीलम शंकर के बचपन की तस्वीर है. तस्वीर में रानू अपनी मां के साथ हैं. रानू मुज्ज़फ्फरपुर में 'गांधी स्वराज आश्रम' चलाते हैं और बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में एक प्रत्याशी भी रहे हैं. 

अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन से ये भ्रामक पोस्ट फेसबुक और ट्विटर पर खूब शेयर की जा रही है. पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है. 

कैसे पता की सच्चाई? 

तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें 'द लल्लनटॉप' का एक लेख मिला जिसमें इस तस्वीर को लेकर जानकारी दी गई थी. यहां बताया गया है कि ये तस्वीर रानू शंकर और उनकी मां की है. 

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खोजने पर हमें रानू शंकर की फेसबुक प्रोफाइल पर भी ये तस्वीर मिली. रानू ने इस तस्वीर को 13 मई 2018 को अपलोड किया था. तस्वीर को लेकर हमने रानू शंकर से संपर्क किया. रानू का कहना था कि पोस्ट में किया गया दावा गलत है और ये तस्वीर उनके बचपन की है, न कि अटल बिहारी वाजपेयी की.   

रानू के मुताबिक तस्वीर में दिख रही महिला उनकी मां नीलम शंकर हैं और इस तस्वीर को 1977 या 1978 में मुज्ज़फ्फरपुर में लिया गया था. रानू ने हमें बताया कि उन्होंने इस तस्वीर को 2018 में शेयर किया था और इसके बाद से तस्वीर गलत दावे के साथ वायरल होने लगी. रानू ने खुद भी 2018 में इस गलत दावे के बारे में फेसबुक पर जानकारी दी थी. रानू के अनुसार उनकी मां का निधन 1980 में हुआ था. रानू ने ‘आज तक’ को अपनी मां के साथ की कुछ और तस्वीर भी भेजी. 

रानू शंकर मुज्ज़फ्फरपुर में गांधी स्वराज आश्रम नाम की एक संस्था के चेयरमैन हैं. हाल ही में हुए बिहार चुनाव में रानू मुज्ज़फ्फरपुर की पारू विधानसभा सीट से जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के उम्मीदवार थे. यहां इस बात की पुष्टि हो जाती है कि पोस्ट में किया गया दावा गलत है और इस तस्वीर का अटल बिहारी वाजपेयी से कोई लेना देना नहीं.

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