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फैक्ट चेक: अयोध्या में भगवा लहर दिखाने के लिए दूसरी जगहों की तस्वीरों का इस्तेमाल

ऐसी कई तस्वीरें और वीडियो खूब शेयर किए जा रहे हैं जिनमें भगवाधारी कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ दिखाई दे रही है. ऐसी ही एक तस्वीर के साथ दावा किया गया है, 'अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की मांग को लेकर हज़ारों इकट्ठा हुए.'

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वायरल हो रही तस्वीर (फोटो: सोशल मीडिया)
वायरल हो रही तस्वीर (फोटो: सोशल मीडिया)

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अयोध्या में राम मंदिर के नाम पर चहल-पहल को अपने हक में भुनाने के लिए राजनीतिक दल पूरा जोर लगा रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी राम मंदिर की गूंज तेज होती जा रही है.

ऐसी कई तस्वीरें और वीडियो खूब शेयर किए जा रहे हैं जिनमें भगवाधारी कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ दिखाई दे रही है. ऐसी ही एक तस्वीर के साथ दावा किया गया है, 'अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की मांग को लेकर हज़ारों लोग इकट्ठे हुए.' ऐसे ही संदेश अलग- अलग फेसबुक पेजों पर भी साझा किए जा रहे हैं.

इंडिया टुडे फैक्ट चेक टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि तस्वीर और वीडियो के साथ जो दावा किया गया है वो गुमराह करने वाला है. दरअसल, ये तस्वीर अयोध्या की है ही नहीं. ये तस्वीर अगस्त 2017 की मुंबई की है जब वहां मराठा समुदाय के शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर मराठा क्रांति मोर्चा ने विरोध प्रदर्शन किया था.  

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हमने जब तस्वीर का रिवर्स सर्च किया तो ऐसे कई लिंक मिले जिनमें मुंबई में मराठा क्रांति मोर्चा के विरोध प्रदर्शन संबधित खबरें थीं. इस तस्वीर को जिन वेबसाइट्स ने इस्तेमाल किया उनमें mid-day.com और amarujala.com शामिल है. अत: ये साफ है कि तस्वीर अयोध्या की नहीं मुंबई की है.

वायरल हुए वीडियो में भी बड़ी संख्या में लोगों को एक मस्जिद के पास भगवा झंडे लहराते देखा जा सकता है. कुछ इंटरनेट यूजर्स का दावा है कि वीडियो अयोध्या का है.

हालांकि, हमारी पड़ताल से सामने आया कि ये वीडियो इस साल मार्च में कर्नाटक के गुलबर्गा शहर (अब कालाबुरगी) में उस वक्त शूट किया गया जब वहां राम नवमी शोभा यात्रा निकाली जा रही थी.

हमने In-vid टूल का इस्तेमाल करते हुए वीडियो को सर्च किया. कई रिजल्ट सामने आए जिनमें इस वीडियो के गुलबर्गा में राम नवमी यात्रा का होने की पुष्टि होती है. वीडियो में जो धार्मिक स्थल दिख रहा है वो गुलबर्गा के कादरी चौक पर स्थित सैयद शाह यूनुस कादरी (RA) का है. 

वीडियो को गौर से देखा जाए तो इसमें एक बस दिखाई देती है जिस पर ‘कर्नाटक स्टेट रिजर्व पुलिस’ लिखा है. इससे हमें ये साबित करने में आसानी हुई कि वीडियो कर्नाटक का है. हमारे स्थानीय संवाददाता ने भी इसकी पुष्टि की.

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