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दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को लगभग 25 दिन हो चुके हैं. नए कृषि कानूनों के विरोध में बैठे किसान और सरकार के बीच चल रही इस तनातनी का अभी तक कुछ हल नहीं निकल सका है. इसी को देखते हुए सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है. तस्वीर में एक सड़क पर सैकड़ों लोगों की भीड़ देखी जा सकती है. देखने में ऐसा लग रहा है कि ये तस्वीर किसी विरोध प्रदर्शन की है. दावा किया जा रहा है कि तस्वीर पश्चिम बंगाल में किसान आंदोलन के समर्थन के हुई एक रैली की है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट पूरी तरह से सच नहीं दिखाती. ये तस्वीर दिसंबर 2019 में खींची गई थी जब कोलकाता में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी CPI(M) ने नागरिकता कानून सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर एक रैली निकाली थी. हालांकि, ये बात सच है कि कोलकाता में हाल ही में किसान आंदोलन के समर्थन में भी एक रैली निकाली गई है.
तस्वीर शेयर करते हुए एक फेसबुक यूज़र ने कैप्शन में लिखा है, #किसान #आंदोलन के #समर्थन में #बंगाल...!!." फोटो को अभी का बताकर ट्विटर पर भी शेयर किया जा चुका है. वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें CPI(M) पश्चिम बंगाल का एक ट्वीट मिला जिसमें ये तस्वीर मौजूद थी. CPI(M) पश्चिम बंगाल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ये ट्वीट 11 दिसंबर 2019 को किया गया था. यहां दी गई जानकरी के मुताबिक, ये जनसभा कोलकाता की रानी रश्मोनी रोड पर आयोजित हुई थी. इस दौरान लोगों ने निजीकरण, श्रमिक विरोधी नीतियां, नागरिकता कानून के विभाजनकारी एजेंडे और बड़े पैमाने पर मजदूरों की छंटनी के खिलाफ रैली निकली थी.
Birds eye view of today's public meeting at Rani Rashmani Road which was organised to mark the culmination of 12 days long #WorkersLongMarch against privatization, anti workers policies, divisive agenda of #NRC, #CAB & rampant retrenchment of the labors. pic.twitter.com/1tq2kxaWqm
— CPI(M) WEST BENGAL (@CPIM_WESTBENGAL) December 11, 2019
वामपंथी पार्टियों से जुड़े और भी कई फेसबुक पेज पर इस तस्वीर को दिसंबर 2019 में शेयर किया गया था. उस समय एक बांग्ला न्यूज़ वेबसाइट ने भी इस तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए लेख प्रकाशित किया था. यहां इस बात की पुष्टि हो जाती है कि ये तस्वीर एक साल से ज्यादा पुरानी है और इसका अभी चल रहे किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं.
हालांकि, ये बात गलत नहीं है कि किसान आंदोलन के समर्थन में पश्चिम बंगाल में रैली निकाली गई. खबरों के मुताबिक, 16 दिसंबर को कोलकाता में किसान आंदोलन के समर्थन में हजारों किसान इकठ्ठा हुए थे. इस रैली की कुछ तस्वीरें न्यूज़ क्लिक की इस रिपोर्ट में देखी जा सकती हैं.