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क्या बंगाल की पुलिस ने कुछ लोगों को सिर्फ इसलिए पीट दिया क्योंकि वो भगवद गीता बांट रहे थे? बात सुनने में अटपटी लगती है लेकिन इसी दावे के साथ सोशल मीडिया पर पुलिस और भगवा वस्त्र पहने कुछ लोगों के बीच झगड़े का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. ऐसा कहा जा रहा है की भगवा वस्त्र पहने ये लोग इस्कॉन मंदिर के भक्त हैं और बंगाल की पुलिस इन्हें “श्री मद् भागवत गीता" बांटने की वजह से पीट रही है. वीडियो में दोनों पक्षों को हाथापाई करते हुए देखा जा सकता है.
वीडियो को शेयर करते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “ममता बानो के धर्म निरपेक्ष बंगाल में आपका स्वागत है. ISKON के भक्तों को बंगाल की पुलिस द्वारा "श्री मद् भागवत गीता" को बांटने पर पीटा गया.” वीडियो पर कमेंट करते हुए लोगों ने बंगाल की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं.
इंडिया टुडे की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि वायरल वीडियो का बंगाल से कोई संबंध नहीं है. ये वीडियो गोवा का है और चौदह साल पुराना है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वीडियो में दिख रही पुलिस की गाड़ी पर “GOA POLICE” लिखा देखा जा सकता है. खोजने पर हमें “रेडिट” का एक पोस्ट मिला जिसमें “हेराल्ड गोवा” की 23 नवंबर 2008 की एक खबर का जिक्र किया गया है.
इस खबर के मुताबिक गोवा के मपुसा टैक्सी स्टैंड की मुख्य सड़क पर कुछ रूसी लोग ढोल बजाकर ‘हरे-राम, हरे -कृष्णा’ के नारे लगा रहे थे. उनके कारण सड़क जाम हो गई थी, इससे परेशान होकर स्थानीय लोगों ने पुलिस को फोन कर दिया. जब पुलिस ने उनसे सड़क पर कीर्तन बंद करने को कहा तो उन लोगों ने बात नहीं सुनी. जिसके बाद पुलिस और उनके बीच हाथापाई हो गई.
इसके बाद पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
खबर में “मपुसा टैक्सी स्टैंड” का जिक्र हुआ है. खोजने पर हमें इस टैक्सी स्टैंड की कई तस्वीरें मिलीं. वायरल वीडियो में पीछे दिख रही बिल्डिंग इन तस्वीरों में भी देखी जा सकती है.
साफ है, गोवा में 2008 में हुई घटना के वीडियो को बंगाल का बता कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
(रिपोर्ट: मयंक आनंदन)