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पहले हमास प्रमुख इस्माइल हानिया, फिर हिजबुल्लाह के नसरुल्लाह और अब हाल ही में हमास के ही याह्या सिनवार के मारे जाने के बाद इजरायल को एक साल से जारी युद्ध में तीसरी बड़ी कामयाबी मिली है.
इसी के मद्देनजर सोशल मीडिया पर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है. वीडियो को शेयर करते हुए कुछ यूजर्स कह रहे हैं कि जहां एक तरफ सऊदी अरब जैसे मुस्लिम देश के लोग नेतन्याहू को आतंकियों का सफाया करने के लिए दुआएं दे रहे हैं, वहीं भारत के मुसलमान उनके खिलाफ नारे लगा रहे हैं.
वीडियो में नेतन्याहू के हाथ में मोबाइल फोन है और वो वीडियो कॉल पर किसी आदमी से बात करते दिख रहे हैं. इस व्यक्ति ने अरब देशों में पहने जाने वाला लिबास पहन रखा है.
वीडियो के साथ लोग कैप्शन में लिख रहे हैं, “सऊदी अरब का एक शेख नेतन्याहू को शिया हिजबुल्ला आतंकियों के सफाए के लिए दुवाएं दे रहा है। भारत के नकली मुसलमान इजरायल के खिलाफ नारे लगाए जा रहे हैं”. इस दावे के साथ ये वीडियो फेसबुक और एक्स पर काफी वायरल हो रहा है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो 2019 का है और इसमें दिख रहा आदमी सऊदी अरब का एक ब्लॉगर है. इसका इजरायल-हमास जंग से कोई संबंध नहीं है.
कैसे पता की सच्चाई?
कुछ कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें मीडिया संस्थान “मिडिल ईस्ट आई” की 27 दिसंबर 2019 की एक खबर मिली जिसमें वीडियो का स्क्रीनशॉट इस्तेमाल किया गया है. खबर में बताया गया है कि ये वीडियो कॉल नेतन्याहू ने सऊदी ब्लॉगर मोहम्मद साउद को किया था.
रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू ने साउद को फेसटाइम के जरिये वीडियो कॉल किया था. साउद, इजरायल और नेतन्याहू के प्रशंसक हैं. नेतन्याहू ने साउद को ये कॉल इजरायल में होने वाले चुनाव से पहले किया था. कॉल पर नेतन्याहू ने साउद से कहा था कि ये बहुत बुरा है कि वो इजरायल के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते.
साउद और नेतन्याहू की इस वीडियो कॉल पर हुई पूरी बातचीत नीचे दिए गए यूट्यूब वीडियो में सुनी जा सकती है.
मोहम्मद साउद, एक ब्लॉगर हैं और इजरायल के बड़े सर्मथक माने जाते हैं. अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, साउद, इजरायल के विदेश मंत्रालय द्वारा 2019 में आमंत्रित किए गए अरब प्रतिनिधि मंडल में भी शामिल थे.
2020 में नेतन्याहू ने साउद और उनके पिता के कोरोना से पीड़ित होने पर उनके जल्दी स्वस्थ होने की कामना करते हुए ट्वीट भी किया था.
नेतन्याहू और साउद की बातचीत के वीडियो को एडिट करके गलत दावे के साथ 2021 में भी सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था. उस समय भी इंडिया टुडे ने इसपर फैक्ट चेक स्टोरी की थी.