सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अखिलेश यादव की कुछ तस्वीरों के साथ तैयार किया गया एक यूट्यूब वीडियो काफी वायरल हो रहा है. करीब 2.15 मिनट लंबे इस वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि 'अखिलेश यादव ने मोदी का 5000 करोड़ का काला धन पकड़ा.' वीडियो में एक आदमी की आवाज सुनाई देती है, वह कहता है कि लखनऊ पुलिस ने एक कार से यह 5000 करोड़ रुपये बरामद किए हैं.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें लखनऊ पुलिस के इतनी बड़ी रकम बरामद करने की पुष्टि होती हो. वीडियो का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. यह पोस्ट फेसबुक पर भी काफी वायरल हो रही है.
यूट्यूब चैनल 'MY SMART HINDI ' ने इस वीडियो को 28 जुलाई को अपलोड किया था. खबर लिखे जाने तक इस वीडियो को पांच लाख से ज्यादा व्यूज मिल चके थे.
कवर फोटो की सच्चाई
भ्रमित करने के लिए वायरल वीडियो के कवर फोटो में एक तरफ अखिलेश यादव, दूसरी तरफ पीएम मोदी और बीच में नोटों की गड्डियों के साथ पुलिसकर्मियों की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है. पुलिसकर्मियों वाली तस्वीर को जब हमने रिवर्स सर्च किया तो पाया कि यह तस्वीर तेलंगाना की है.
पिछले साल तेलंगाना चुनाव से पहले दिसंबर में पुलिस ने एक कार से हवाला के 5.8 करोड़ रुपये बरामद किए थे. इस मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी. कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था.
वायरल वीडियो का यह है सच
वायरल वीडियो में एक वॉइस ओवर है, जिसमें एक व्यक्ति कहता है 'लखनऊ पुलिस ने 5000 करोड़ का काला धन पकड़ा है. यह कैश एक कार से पकड़ा गया है, जिसकी सूचना खुद अखिलेश यादव ने पुलिस को दी थी.'
वीडियो में किए जा रहे दावे की जांच के लिए हमने इससे जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स सर्च की. हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे यह पुष्टि होती हो कि लखनऊ पुलिस ने इस तरह की कोई कार्रवाई की हो.
ऐसा संभव नहीं है कि पुलिस ने इतनी बड़ी रकम कहीं से बरामद की हो और यह खबर मीडिया में न आई हो. वहीं 5000 करोड़ रुपये भी भारी रकम है. इतनी बड़ी रकम किसी कार में हो सकती है, यह बात भी असंभव सी लगती है.
वीडियो में ही आगे कहा गया है: "हालांकि लखनऊ पुलिस को अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि यह धन पीएम मोदी का है या किसी और का." ऐसे में यह साफ है कि यह वीडियो केवल भ्रमित करने और झूठी खबर फैलाने के मकसद से ही बनाया गया है.
कौन चला रहा है यह यूट्यूब चैनल?
हमने यूट्यूब चैनल 'MY SMART HINDI' को खंगालना शुरू किया तो पाया कि इस चैनल पर कई सारे भ्रामक वीडियो अपलोड किए गए हैं. यह चैनल अक्टूबर, 2016 में शुरू किया गया था और इस पर 1.6 करोड़ से ज्यादा व्यूज हैं.
इस चैनल को चलाने वाले चरण यादव उर्फ दीपक यादव से हमने संपर्क किया. उन्होंने माना कि यह गलत खबर है और उन्होंने इसे डिलीट करने की भी बात कही.
पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है, हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जिससे इस खबर की पुष्टि होती हो.