अगर कांग्रेस चुनाव जीती तो किसी भी अस्पताल में मरीज के मरने के बाद सारा बिल माफ कर दिया जाएगा? ये दावे सोशल मीडिया पर किए जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि ये सुविधा सरकारी और प्राइवेट, दोनों तरह के अस्पतालों में मिलेगी. इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि 2019 के चुनावों से पहले जारी कांग्रेस के घोषणापत्र में ऐसा कोई भी वादा नहीं किया गया है.
'कांग्रेस फॉर मध्यप्रदेश' नाम के फेसबुक पेज पर दावा किया गया है कि 'अगर केंद्र में कांग्रेस सरकार बनी तो किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में कोई भी मरीज़ कि अगर मौत हो जाती है तो उसका सारा बिल माफ किया जाएगा. इसलिए मेरा वोट कांग्रेस को.'
इस पोस्ट को स्टोरी के लिखे जाने तक 18,000 लोगों ने शेयर किया। ये पोस्ट 4 मई को अपलोड किया गया और इस दौरान फेसबुक यूज़र्स ने कमेंट कर कांग्रेस की जय जयकार की है.
5 मई को यही दावा फेसबुक यूज़र सैफ अली खान ने 'सीएम कमलनाथ फैन्स' पेज को टैग करते हुए किया. इस पोस्ट को स्टोरी के लिखे जाने तक180 से ज्यादा लोगों ने शेयर किया.
इंडिया टुडे ने जांच पड़ताल के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र को पढ़ा. कांग्रेस ने दो अप्रैल को अपना घोषणापत्र जारी किया गया था और इसमें 24वें पन्ने पर देशवासियों के स्वास्थ को लेकर वादे किए गए हैं. इस घोषणापत्र में 16 अलग अलग बिंदुओं के ज़रिये कांग्रेस ने स्वास्थ नीतियों के बारे में बताया गया है.
इस घोषणापत्र में ये बताने की कोशिश की गयी है अगर कांग्रेस की सरकार आती हैं तो कैसे देश के हर शख्स तक स्वास्थ सेवाओं का लाभ पहुंचेगा लेकिन इस पूरे घोषणापत्र में ये नहीं लिखा है कि अस्पताल में किसी भी मरीज़ के मरने के बाद उसका सारा बिल माफ किया जाएगा.
किसी बड़े कांग्रेसी नेता ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया, न ही ऐसा कोई बयान या दस्तावेज इंटरनेट पर उपलब्ध है. इससे साफ ज़ाहिर है कि कांग्रेस ने ये कभी नहीं कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो मरीज़ के मरने के बाद सारा बिल माफ किया जाएगा.