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फैक्ट चेक: महीनों पुरानी तस्वीर के जरिये भारत बंद के दौरान कांग्रेस की गुंडागर्दी का दावा

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट में कही जा रही बात भ्रामक है. ये तस्वीर इसी साल मई की है और पश्चिम बंगाल के बारासात शहर की है. इसका किसान संगठनों के भारत बंद से कोई संबंध नहीं है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
तस्वीर में देखा जा सकता है कि कैसे भारत बंद में कांग्रेस के गुंडों ने मंडी में जबरदस्ती दुकानें बंद करवाईं और सब्जियां जमीन पर फेंककर गरीबों का नुकसान किया.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
तस्वीर इसी साल मई की है और पश्चिम बंगाल के बारासात शहर की है. इसका किसान संगठनों के भारत बंद से कोई संबंध नहीं है.

किसान संगठनों की तरफ से 8 दिसंबर को बुलाए गए 'भारत बंद' को कांग्रेस सहित कई राजनैतिक दलों ने खुलकर समर्थन दिया. देश में कुछ जगहों से कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं की झड़प की खबरें भी आईं. राजस्थान में बीजेपी ने कांग्रेस पर भारत बंद के दौरान गुंडागर्दी करने का आरोप भी लगाया है.

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इसी के मद्देनजर सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है. तस्वीर में एक मार्केट में जमीन पर ढेर सारी सब्जियां बिखरी हुई दिख रही हैं. तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि भारत बंद में कांग्रेस के गुंडों ने जबरदस्ती मंडी की दुकानें बंद करवाईं और सब्जियां जमीन पर फेंककर गरीबों का नुकसान किया. 

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट में कही जा रही बात भ्रामक है. ये तस्वीर इसी साल मई की है और पश्चिम बंगाल के बारासात शहर की है. इसका किसान संगठनों के भारत बंद से कोई संबंध नहीं है.

इस पोस्ट को फेसबुक पर काफी शेयर किया जा रहा है. तस्वीर को शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स कैप्शन में लिख रहे हैं, "सोनिया के गुंडों का भारत बंद है, देख लो सब्जी मंडी में जबरदस्ती दुकाने बंद करवाने के लिए सोनिया के गुंडों ने गरीब ठेले वालो के पूरे दिन की कमाई का नुकसान कर दिया सभी सब्जियां जमीन पर फेंक दी #congressmuktbharat". पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

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क्या है सच्चाई?

तस्वीर को अलग-अलग तरीकों से रिवर्स सर्च करने पर हमें कुछ पुरानी फेसबुक पोस्ट मिलीं. इनमें से ज्यादातर पोस्ट इसी साल 4 मई को शेयर की गई थीं. इन पोस्ट में वायरल तस्वीर के साथ ऐसी एक और तस्वीर भी मौजूद थी. पोस्ट के कैप्शन में लोगों ने बांग्ला में लिखा था कि ये तस्वीरें बारासात शहर की हैं. प्रशासन की आलोचना करते हुए यूजर्स का कहना था कि लॉकडाउन में शराब की दुकानें खोली जा सकती हैं लेकिन सब्जी बेचने वाले नहीं बैठ सकते. इन्हीं में से कुछ यूजर्स ने इन तस्वीरों को बारासात के हेलाबट्टाला बाजार का बताया था.

तस्वीरों को ध्यान से देखें तो इसमें एक ई-रिक्शा पर लगी नंबर प्लेट पर 'WB 25' लिखा नजर आ रहा है. 'WB 25' बारासत का ही वाहन रजिस्ट्रेशन कोड है. साथ ही तस्वीरों में दिख रही दुकानों के बोर्ड पर भी बांग्ला भाषा लिखी है.

फेसबुक पर कई यूजर्स, जैसे 'Common Men Bidyut Biswas' नाम के एक पेज पर भी इन तस्वीरों को 4 मई को शेयर किया गया था. यहां पर भी तस्वीरों के हेलाबट्टाला बाजार का होने का जिक्र था. हमने जानकारी पुख्ता करने के लिए इस पेज के एडमिन बिद्युत बिस्वास से संपर्क किया.

बिद्युत के मुताबिक ये तस्वीरें उनके एक दोस्त ने मई में हेलाबट्टाला बाजार में ही खींची थीं. उस समय देश में कोरोना लॉकडाउन चल रहा था और नियमों का पालन ना करने की वजह से प्रशासन ने इस बाजार में सब्जी वालों पर सख्ती दिखाई थी. गौर करने वाली बात है कि कोरोना लॉकडाउन में कई जगहों सें प्रशासन की सख्ती की ऐसी तस्वीरें और वीडियो सामने आये थे.  

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हमारे बारासात संवाददाता ने भी हेलाबट्टाला बाजार के कुछ दुकानदारों से इस तस्वीर को लेकर बात की. दुकानदारों ने भी इस बात को पुख्ता किया कि ये तस्वीरें हेलाबट्टाला बाजार की हैं और लॉकडाउन के समय की हैं.

यहां हमारी पड़ताल में साबित हो जाता है कि तस्वीर को भारत बंद से जोड़कर भ्रम फैलाया जा रहा है. तस्वीर आठ महीने से ज्यादा पुरानी है और भारत बंद से इसका कोई लेना-देना नहीं है.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
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