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फैक्ट चेक: कोरोना से जान गंवाने वालों के परिजनों को सरकार नहीं दे रही 4 लाख का मुआवजा

इस पोस्ट में एक आवेदन पत्र का प्रारूप और केंद्रीय गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन विभाग का एक पत्र भी है. इस आवेदन पत्र में देखा जा सकता है कि इसमें पीड़ित का विवरण भरकर इसे अंतरिम सहायता के लिए जिलाधिकारी/अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के नाम से आवेदन भेजना है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
कोरोना से मौत होने पर मृतक के परिजनों को राज्य आपदा राहत कोष (SDRF) के तहत सरकार 4 लाख रुपये का मुआवजा दे रही है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
कोरोना से मौत होने पर मृतक के परिजनों को 4 लाख का मुआवजा देने का ऐलान मार्च 2020 में किया गया था लेकिन इस फैसले को उसी दिन वापस ले लिया गया था. फिलहाल ऐसा कोई मुआवजा नहीं दिया जा रहा है.

कोरोना महामारी से 4 जून तक देश में करीब साढ़े तीन लाख मौतें हो चुकी हैं. ऐसे में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल है जिसमें दावा किया जा रहा है कि "आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी अधिनियम के तहत कोरोना से जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिजन मुआवजे के रूप में 4 लाख रुपये पाने के हकदार हैं. कृपया इसे देखें और इसे जरूरतमंदों तक पहुंचाएं."

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इस पोस्ट में एक आवेदन पत्र का प्रारूप और केंद्रीय गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन विभाग का एक पत्र भी है. इस आवेदन पत्र में देखा जा सकता है कि इसमें पीड़ित का विवरण भरकर इसे अंतरिम सहायता के लिए जिलाधिकारी/अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के नाम से आवेदन भेजना है.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ये पोस्ट भ्रामक है. हालांकि, पिछले साल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा था कि कोरोना वायरस के चलते अगर किसी की मौत होती है तो उसके परिजनों को 4 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिया जाएगा, लेकिन कुछ ही देर बाद एक संसोधित परिपत्र जारी किया था जिसमें 4 लाख रुपये के मुआवजे से जुड़ा क्लॉज हटा लिया गया था.

वायरल पोस्ट में केंद्रीय गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन विभाग का एक परिपत्र भी सलंग्न है जिसके मुताबिक, ये 14 मार्च 2020 को जारी हुआ था. उसमें कहा गया है कि कोरोना से मरने वालों के परिवार को मदद के तौर पर राज्य आपदा राहत कोष (SDRF) के तहत सरकार 4 लाख रुपये देगी. साथ ही कोरोना रिलीफ ऑपरेशन में लगे कर्मचारियों की मौत पर भी सरकार की ओर से इतनी ही सहायता राशि दी जाएगी. लोग इस दावे को सच मान रहे हैं और इसे धड़ल्ले से शेयर भी कर रहे हैं.

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फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सएप पर ये पोस्ट खूब शेयर हो रही है. वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां और यहां देखा जा सकता है.

कैसे पता की सच्चाई?

कुछ कीवर्ड की मदद से खोजने पर हमें न्यूज़ एजेंसी ANI का 14 मार्च 2020 का एक ट्वीट मिला जिसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय के हवाले से कहा गया था कि "सरकार ने राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के तहत सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से #COVID19 को एक अधिसूचित आपदा स्वीकार करने का फैसला किया है."

ANI ने उसी ट्वीट पर 14 मार्च 2020 को ही एक और ट्वीट किया जिसमें  केंद्रीय गृह मंत्रालय के हवाले से कहा गया कि कोरोना के चलते अगर किसी की मौत होती है तो उसके परिजनों को 4 लाख रुपये मुआवजे के तौर दिए जाएंगे. लेकिन उसी दिन कुछ घंटे बाद ANI ने एक और ट्वीट किया जिसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस परिपत्र को संशोधित कर दिया गया था. इसमें कोरोना से मरने वालों के परिवार को मुआवजे का प्रावधान हटा दिया गया था. इसमें पीड़ितों के इलाज, आइशोलेशन एवं अन्य सुविधाओं का जिक्र था  लेकिन एक्स ग्रेशिआ या मुआवजा वाली लाइन को हटा दिया गया था.

 

आगे की पड़ताल के लिए हमने कुछ और कीवर्ड के जरिये सर्च किया तो हमें पिछले साल की कई खबरें मिलीं. इन खबरों में राज्य आपदा राहत कोष (SDRF) के तहत कोरोना से मृत्यु होने पर परिजनों 4 लाख के मुआवजे का एलान करने और बाद में उसे वापस लेने का जिक्र है.

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'आजतक' की वेबसाइट पर भी 14 मार्च 2020 को छपी एक रिपोर्ट मिली जिसमें बताया गया है कि कोरोना से मौत के बाद मृतक के परिजनों को 4 लाख का मुआवजा देने का फैसला 14 मार्च को ही वापस ले लिया गया था.

हमें 14 मार्च 2020 को गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के ट्विटर हैंडल से किया गया एक ट्वीट मिला. इसमें संशोधित परिपत्र को पोस्ट किया गया था. इस नए परिपत्र में कोरोना से पीड़ित व्यक्ति को आइसोलेशन में रखने और सैंपल कलेक्शन से जुड़े नियमों का जिक्र था.

पड़ताल में यह भी सामने आया कि अगले ही दिन यानि 15 मार्च 2020 को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पहले के केंद्रीय परिपत्र को बहाल करने का अनुरोध किया जिसमें राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के तहत कोरोना से मृत्यु होने पर मृतक के परिजनों को 4 लाख मुआवजे की बात थी.

अब जब यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी तो 29 मई 2021 को प्रेस इन्फॉरमेशन ब्यूरो ने भी इसका खंडन करते कहा कि राज्य आपदा राहत कोष (SDRF) के अंतर्गत कोरोना से मृत्यु होने पर ऐसा कोई मुआवजा नहीं दिया जा रहा है.

हालांकि, कई खबरों में कहा गया है कि कोरोना मृतकों को 4 लाख रुपये के मुआवजे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली गई है. यह मामला अदालत में लंबित है और अगली सुनवाई 11 जून 2021 को है.

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पड़ताल से ये बात साफ हो जाती है कि कोरोना से मौत होने के बाद मृतक के परिजनों को राज्य आपदा राहत कोष (SDRF) के तहत 4 लाख मुआवजे की बात बिल्कुल निराधार है. खबर लिखे जाने तक सरकार की तरफ से इस बारे में कोई सूचना जारी नहीं की गई है.

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