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फैक्ट चेक: ब्रायलर मुर्गी में कोरोना वायरस मिलने का दावा है भ्रामक

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की ओर से जारी एडवाइजरी में अब तक ऐसा कहीं नहीं कहा गया है कि ब्रायलर मुर्गी में कोरोना वायरस पाया गया है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ब्रायलर मुर्गी में पाया गया कोरोना वायरस
फेसबुक यूजर
सच्चाई
अभी तक WHO या किसी अन्य प्रतिष्ठित संस्थान ने इसकी पुष्टि नहीं की है.

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कोरोना वायरस के कहर के बीच सोशल मीडिया पर मुर्गी और मांस की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं. तस्वीरों के साथ दावा किया जा रहा है कि ब्रायलर मुर्गी में कोरोना वायरस पाया गया है, इसलिए इसे न खाएं.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीरों के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की ओर से जारी एडवाइजरी व जानकारी में अब तक ऐसा कहीं नहीं कहा गया है कि ब्रायलर मुर्गी में कोरोना वायरस पाया गया है.

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

फेसबुक यूजर W Singh Sisodiya ने मुर्गी व मांस की तस्वीरें पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा: "ब्रायलर मुर्गी में कोरोना वायरस पाया गया है इसलिए आप सभी से हाथ जोड़कर बिनती है चिकन न खाएं"

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यह पोस्ट फेसबुक पर काफी वायरल है.

वायरल तस्वीरों के साथ किए जा रहे दावे की पड़ताल के लिए हमने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की ओर से जारी सुरक्षात्मक उपाय और कोरोना वायरस के बारे में जानकारी देखी. जनता के लिए जारी सुरक्षात्मक उपायों में बताया गया है कि जानवरों को छूने के बाद हाथ अच्छे से धोएं, बीमार जानवरों व खराब हो चुके मांस व एनिमल वेस्ट से दूरी बनाएं.

हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने अब तक ऐसा नहीं कहा है कि ब्रायलर मुर्गी में कोरोना वायरस पाया गया है या नहीं. WHO की वेबसाइट के अनुसार अब तक यह पता नहीं चल सका है कि कोरोना वायरस किस जानवर से आया है. वायरल हो रही तस्वीरें इंटरनेट से ली गई हैं.

पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल दावा भ्रामक है, क्योंकि अब तक WHO या किसी अन्य प्रतिष्ठित संस्थान ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि ब्रायलर मुर्गी में कोरोना वायरस पाया गया है.

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