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एक छोटी बच्ची को क्रूरता से पीटते लोगों का वीडियो शेयर करते हुए कुछ सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यूपी में बिना अनुमति के मंदिर से पानी पीने पर एक आठ वर्षीय दलित लड़की को ठाकुरों द्वारा पीटा गया. इसके जरिए तंज कसा जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ के राज में इस तरह से लड़कियों की पूजा की जा रही है.
वीडियो में एक शख्स बच्ची के तलवों पर लाठी मार रहा है, बेरहमी से उसके बाल खींच रहा है. वहां मौजूद एक अधेड़ उम्र की महिला बच्ची से कहती है, "बता दो जल्दी". बच्ची धीमी आवाज में कुछ जवाब देती है, पर इसके बाद भी वहां मौजूद लोग उसकी पिटाई जारी रखते हैं.
एक एक्स यूजर ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, "योगी के राज में लड़कियों की पूजा की जा रही है. बिना अनुमति के मंदिर से पानी पीने पर दलित समाज की 8 वर्षीय लड़की को ठाकुरों द्वारा पीटा जा रहा है और प्रताड़ित किया गया! पता नहीं इस देश से यह भेद भाव कब खत्म होगा."
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
कई लोग इस वीडियो वाले ट्वीट में यूपी पुलिस को टैग कर रहे हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि इस वीडियो में दिख रही दलित बच्ची की पिटाई मंदिर में पानी पीने के चलते नहीं बल्कि मोबाइल चोरी के आरोप में हुई थी. साल 2021 में अमेठी में हुई इस घटना के सभी आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
हमने देखा कि वायरल वीडियो पर एक व्यक्ति ने कमेंट किया है कि ये अमेठी की पुरानी घटना है.
इस जानकारी के आधार पर कीवर्ड सर्च करने से हमें इस घटना से संबंधित कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं जिनमें वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट इस्तेमाल किए गए हैं.
'जनसत्ता' की 29 दिसंबर, 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना अमेठी के फुलवारी गांव की है. दरअसल, इस गांव के सूरज सोनी के घर से दो मोबाइल फोन चोरी हो गए थे. उसके परिवार को शक था कि ये फोन उसी छोटी बच्ची ने चुराए हैं. इसी के चलते उन्होंने उसे पीटा.
'द टाइम्स ऑफ इंडिया' की एक खबर के अनुसार, इस मामले में 27 दिसंबर, 2021 को पीड़ित लड़की के पिता ने एफआईआर दर्ज करवाई थी, जिसके आधार पर तीन आरोपियों- शुभम गुप्ता, राहुल सोनी और सूरज सोनी को गिरफ्तार किया गया था. इन पर पॉक्सो एक्ट और एस-एसटी एक्ट लगाया गया था.
उस वक्त अमेठी के सर्कल ऑफिसर अर्पित कपूर ने 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' को लड़की के पिता के हवाले से बताया था कि पीड़ित मानसिक रूप से विक्षिप्त थी और गलती से आरोपियों के घर में घुस गई थी. आरोपियों ने उसे चोर समझ कर उसकी पिटाई कर दी थी.
'इंडिया टाइम्स' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों का कहना था कि उन्होंने सीसीटीवी में उस लड़की को मोबाइल फोन चुराते देखा है.
अमेठी पुलिस ने उस वक्त इस घटना को लेकर स्पष्टीकरण देते हुए एक्स पर एक वीडियो भी पोस्ट किया था.
हमने ये वीडियो अमेठी के एसपी अनूप कुमार सिंह को भी भेजा. उनके ऑफिस से हमें जानकारी दी गई कि "साल 2021 के इस मामले में तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया था. वर्तमान में ये जमानत पर बाहर हैं. बच्ची के मंदिर से पानी पीने पर पिटाई की बात पूरी तरह बेबुनियाद है, उसकी पिटाई फोन चोरी के शक में की गई थी."
हमने इस बारे में 'आजतक' के अमेठी संवाददाता अभिषेक कुमार त्रिपाठी से भी बात की. उन्होंने हमें बताया कि इस मामले के आरोपियों में से कोई भी ठाकुर नहीं था.
साफ है, साल 2021 में अमेठी में हुई बच्ची के पिटाई के वीडियो को अब भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.