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फैक्ट चेक: वाराणसी के मंदिर में दर्शन करने पर दलितों की हुई पिटाई? एमपी के इस वीडियो की कहानी कुछ और है  

सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि वाराणसी में महादेव मंदिर में दर्शन गए दलितों को ऊंची जाति के लोगों ने नग्न कर पीटा. आजतक के फैक्ट चेक में इस वीडियो के बारे में कुछ अगल ही तथ्य सामने आए हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
वाराणसी में महादेव मंदिर में दर्शन गए दलितों को ऊंची जाति के लोगों ने नग्न कर पीटा.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये सितंबर 2024 का मध्य प्रदेश के महेश्वर का वीडियो है. वहां कुछ लोग नर्मदा नदी में नग्न होकर नहा रहे थे जिसके चलते उन्हें स्थानीय लोगों ने पीट दिया था.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि वाराणसी में महादेव मंदिर में दर्शन गए दलितों को ऊंची जाति के लोगों ने नग्न कर पीटा. वीडियो में अंधेरे में किसी नदी के घाट के पास कुछ नग्न युवक दिख रहे हैं. इन्हें कुछ लोग लाठी-डंडों से पीट रहे हैं और गालियां दे रहे हैं.

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Fact Check

कई लोग इस वीडियो को काशी का बताकर शेयर कर चुके हैं. लोग कमेंट्स में इस घटना को सही मानते हुए इसकी आलोचना कर रहे हैं और यूपी पुलिस को टैग कर रहे हैं. 

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये सितंबर 2024 का मध्य प्रदेश के महेश्वर का वीडियो है. वहां कुछ लोग नर्मदा नदी में नग्न होकर नहा रहे थे जिसके चलते उन्हें स्थानीय लोगों ने पीट दिया था.

कैसे पता की सच्चाई? 

वीडियो में बारे में सर्च करने पर हमें पता चला कि इसे ऐसी ही दावे के साथ पिछले साल अक्टूबर में भी शेयर किया गया था. उस समय यूपी पुलिस ने इसका खंडन करते हुए एक्स पर बताया था कि ये वीडियो एमपी के खरगौन जिले के महेश्वर का है. पुलिस ने गलत जानकारी फैलाने वाले एक यूजर के खिलाफ कार्यवाही की बात भी कही थी.

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साथ ही पुलिस ने अपने ट्वीट में दैनिक भास्कर की एक खबर का लिंक भी शेयर किया था. 12 सितंबर, 2024 की इस खबर में बताया गया है कि महेश्वर में शाम को नर्मदा तट पर स्थित अहिल्या घाट पर कुछ युवक नदी में नग्न अवस्था में नहा रहे थे. ये जानकारी घाट पर घूमने वाले लोगों की एक टोली को मिली. इसके बाद ये टोली घाट पहुंची और नर्मदा में नग्न होकर नहा रहे युवकों को बाहर निकालकर पीटने लगी. पुलिस के आने से पहले ये युवक स्थानीय लोगों से क्षमा मांग कर भाग गए. 

 

इसके अलावा हमें धामनोद समाचार नाम के एक स्थानीय यूट्यब चैनल की वीडियो रिपोर्ट भी मिली. इसमें वायरल वीडियो को देखा जा सकता है. इसमें भी घटना को महेश्वर का बताया गया है. किसी खबर में ये बात नहीं लिखी है कि इन युवको को ऊंची जाति वालों ने पीटा था.

यहां ये बात साफ हो जाती है कि एमपी के वीडियो को जातीय एंगल देकर यूपी का बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है.  

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