दिल्ली हिंसा मामले में पुलिस को फटकार लगाने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर इन दिनों काफी चर्चा में हैं. इसी क्रम में सोशल मीडिया पर कुछ लोग उनपर सवाल भी खड़े कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिये दावा किया जा रहा है कि जस्टिस मुरलीधर कांग्रेस नेताओं के करीबी हैं, इसलिए उन्होंने सिर्फ बीजेपी नेताओं के बयान पर ही सवाल उठाए.
पोस्ट में दो तस्वीरों का एक कोलाज है. पहली तस्वीर जस्टिस मुरलीधर की है, वहीं दूसरी तस्वीर में वे सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी एक अन्य व्यक्ति के साथ किसी कार्यालय में दिख रहे हैं. इस तस्वीर के साथ दावा किया गया है कि यही जस्टिस मुरलीधर सोनिया गांधी का चुनावी पर्चा भरवाने उनके साथ जाया करते थे और इस तस्वीर में भी वो यही कर रहे हैं. साथ ही पोस्ट में ये भी कहा गया है कि जज बनने से पहले जस्टिस मुरलीधर 10 साल तक कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के सहायक भी थे.
हाल ही में दिल्ली हिंसा मामले में पुलिस की कार्यशैली को देखते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर ने सख्त टिप्पणी की थी. कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों से पूछा था कि भड़काऊ भाषण देने पर कपिल मिश्रा सहित अन्य नेताओं के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की गई. इस सुनवाई के बाद खबर आई कि जस्टिस मुरलीधर का तबादला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में कर दिया गया.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. तस्वीर में सोनिया गांधी के साथ दिख रहे व्यक्ति जस्टिस मुरलीधर नहीं, बल्कि कांग्रेस के कानूनी सलाहकार और सुप्रीम कोर्ट वकील केसी कौशिक हैं. ये तस्वीर उस समय की है, जब सोनिया गांधी ने पिछले साल राय बरेली से अपना चुनावी नामांकन दाखिल किया था. ये बात भी गलत है कि एस मुरलीधर मनीष तिवारी के सहायक रहे हैं.
इस भ्रामक पोस्ट को V K SHARMA नाम के एक ट्विटर यूजर सहित कई लोगों ने शेयर किया है.
तस्वीर शेयर करते हुए V K SHARMA ने कैप्शन में लिखा है- "एक तथ्य सामने आया है वो जज मुरलीधरन कभी कांगेस के मनीष तिवारी के एसिस्टेंट थे व इको सिस्टम में हाईकोर्ट के जज बने, पहले सोनिया गांधी का पर्चा भरवाने साथ जाया करते थे, इसीलिए वो सिर्फ बीजेपी नेताओं की स्पीच उन्हें हेट स्पीच लगी, नीचे माननीय का खुद का फोटो व परचा भरवाने का लगा है".
V K SHARMA को ट्विटर पर पीएम मोदी सहित कई दिग्गज बीजेपी नेता फॉलो करते हैं. ये पोस्ट सोशल मीडिया पर हजारों लोगों तक पहुंच चुकी है. हालांकि V K SHARMA अब ये ट्वीट डिलीट कर चुके हैं.
वायरल पोस्ट की पड़ताल के दौरान हमें न्यूज 24 के पत्रकार प्रभाकर मिश्रा की एक पोस्ट मिली. प्रभाकर के मुताबिक तस्वीर में सोनिया गांधी के साथ दिख रहे व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट वकील केसी कौशिक हैं. जानकारी को पुख्ता करने के लिए हमने केसी कौशिक से संपर्क किया.
केसी कौशिक ने हमें बताया कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है. उन्होंने हमें यह स्पष्ट किया कि तस्वीर में सोनिया गांधी के साथ दिख रहे व्यक्ति वो खुद हैं. ये तस्वीर पिछले साल की है जब लोकसभा चुनाव के लिए सोनिया ने रायबरेली से अपना पर्चा भरा था. उस वक्त कानूनी सलहाकार के तौर पर केसी कौशिक सोनिया गांधी के साथ मौजूद थे. इस पर कई मीडिया संस्थाओं ने खबर भी की थी.
हमें पिछले साल का एक वीडियो भी मिला जिसमें अमेठी में केसी कौशिक, राहुल गांधी के वकील के तौर पर पत्रकारों से बात करते दिख रहे हैं. केसी कौशिक भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल भी रहे हैं.
पोस्ट में ये भी दावा है कि जस्टिस मुरलीधर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के सहायक रहे हैं. इस दावे का खंडन खुद मनीष तिवारी ने ट्विटर पर किया है. तिवारी ने वायरल पोस्ट का एक स्क्रीन शॉट ट्वीट करते हुए लिखा है कि ये सरासर झूठ है कि जस्टिस मुरलीधर जज बनने से पहले उनके ऑफिस में काम करते थे. उन्होंने लिखा कि जस्टिस मुरलीधर को न तो वो जानते हैं और ना ही कभी उनसे मिले हैं.
Fake News being circulated by Troll Armies of Right Wing that Justice Dr. S. Muralidhar had worked in my Law office before being elevated to the Bench.COMPLETE LIE.Neither do I know Judge Muralidhar nor have I ever met him.Saw him only once arguing a Fake Encounter matter in SC. pic.twitter.com/vtBjThAWpE
— Manish Tewari (@ManishTewari) February 29, 2020
दिल्ली हाईकोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, जस्टिस एस मुरलीधर ने सितंबर 1984 में चेन्नई से वकालत शुरू की थी. जस्टिस मुरलीधर ने 1987 में सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत शुरू कर दी थी. साल 2006 में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया. जस्टिस मुरलीधर दो बार सुप्रीम कोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी के सक्रिय सदस्य रहे हैं. 1984 में हुए सिख दंगों में शामिल रहे कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के मामले में भी जस्टिस मुरलीधर फैसला सुनाने वालों में से एक थे.
यहां पर ये बात साफ होती है कि वायरल पोस्ट झूठी है. जस्टिस मुरलीधर न तो वायरल तस्वीर में सोनिया गांधी के साथ हैं, और ना ही वे मनीष तिवारी के सहायक रहे हैं.