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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कृषि कानूनों को रद्द करने का ऐलान किए जाने के बाद किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई. ऐलान के बाद जहां कुछ किसानों ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया वहीं कुछ ने नाराजगी जताई कि अगर सरकार ये फैसला पहले कर लेती तो आंदोलन के दौरान मारे गए करीब 700 किसानों की जान बच जाती. इस बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसे लेकर लोग कह रहे हैं कि अभी किसानों की लड़ाई बाकी है और वो आंदोलन में उन पर हुए जुल्म का बदला पीएम मोदी को सत्ता से बेदखल करके लेंगे.
वायरल फोटो में पगड़ी पहने एक व्यक्ति की पीठ पर गहरे चोट के निशान देखे जा सकते हैं. ऐसा लग रहा है कि व्यक्ति को लाठी या बेल्ट से बुरी तरह पीटा गया है. एक फेसबुक यूजर ने तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा, "भूलना नही है. अभी लड़ाई बाकी है ,झोला भी उठवाएँगे
#किसानआंदोलन". कृषि कानूनों के रद्द होने के ऐलान के बाद से यह फोटो ट्विटर पर भी वायरल हो रही है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. ये तस्वीर जून 2019 में ली गई थी जब दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में कुछ पुलिसकर्मियों की एक सिख टेंपो ड्राइवर के साथ झड़प हो गई थी. झड़प में पुलिसवालों ने ड्राइवर की जमकर पिटाई कर दी थी.
तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर पता चला कि फेसबुक पर इसे कई लोगों ने जून 2019 में शेयर किया था. आम आदमी पार्टी के पूर्व आईटी सेल प्रमुख अंकित लाल ने भी इस घायल शख्स की तस्वीरों को ट्वीट करते हुए दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा था.
These injury marks on the body of Gramin Seva driver beaten by @DelhiPolice clearly show how the lawmakers broke laws in broad daylight in the National capital.@JarnailSinghAAP visited the victims in hospital and also went to Mukherjee Nagar P.S. to talk to the police officers. pic.twitter.com/GNcn1ZLqP5
— Ankit Lal 🏹 (@AnkitLal) June 16, 2019
उस समय "एबीपी न्यूज" सहित कुछ अन्य मीडिया संस्थानों ने भी इस मामले को लेकर खबरें छापी थीं.
खबरों के मुताबिक, 16 जून 2019 को सरबजीत नाम के एक टेंपो और दिल्ली पुलिस की गाड़ी टकरा गई थी. इसके बाद सरबजीत और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गई जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए थे. वीडियो में पुलिसकर्मी सरबजीत को बुरी तरह पीटते हुए दिख रहे हैं.
मामले में दिल्ली पुलिस का कहना था कि पहले टेंपो ड्राइवर ने कृपाण से एक पुलिसकर्मी के सिर पर हमला किया था. उस वक्त ड्राइवर की बेरहमी से की गई पिटाई को लेकर काफी बवाल हुआ था जिसके बाद तीन पुलिसकर्मी ‘गैर पेशेवर आचरण’ के आरोप में सस्पेंड भी हुए थे. कुछ दिनों बाद ये खबर आई थी कि टेंपो ड्राइवर सरबजीत पर अप्रैल 2019 में मारपीट के अन्य मामले भी दर्ज हुए थे.
इस तरह ये साबित हो जाता है कि दो साल से ज्यादा पुरानी घायल व्यक्ति की तस्वीर को किसान आंदोलन से जोड़ा जा रहा है. तस्वीर का किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है. इस साल जनवरी में भी ये तस्वीर किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल हुई थी. उस समय भी "आजतक" ने इसका खंडन करते हुए खबर प्रकाशित की थी.
हालांकि, यह बात सच है कि लगभग एक साल से चल रहे किसान आंदोलन के दौरान कई बार किसानों पर लाठीचार्ज हुआ. इसमें कई किसान बुरी तरह घायल हुए जिनकी तस्वीरें खबरों में देखी जा सकती हैं.