नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में दिल्ली समेत देश के कई हिस्से में हिंसक प्रदर्शन हुए. दिल्ली के जामिया नगर के बाद सीलमपुर में हिंसक प्रदर्शन हुआ, पत्थरबाजी और आगजनी हुई, बस में भी आग लगाई गई, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई.
इसी बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक चलती बस दिख रही है जिसकी खिड़की टूटी हुई है, बच्चों के चीखने की आवाजें आ रही हैं, कुछ वयस्क लोग बच्चों को सांत्वना दे रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि बच्चों से भरी स्कूल बस पर हमले का यह वीडियो दिल्ली के सीलमपुर में बुधवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान का है.
फेसबुक यूजर “मृत्युंजय तिवारी” ने एक वीडियो पोस्ट करके दावा किया है, “सीलमपुर में साफ-साफ दिखाई दे रहा है, स्कूली छोटे बच्चों पर पत्थरबाजी का खौप,छोटे बच्चों से भरी बस को भी पत्थरबाजों ने नहीं छोड़ा..”इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो पिछले साल का है और इसका सीलमपुर के नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन से कोई लेना देना नहीं है. यह वीडियो गुरुग्राम में फिल्म ‘पद्मावत’ के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान का है.
वायरल वीडियो में दिख रहा है कि बच्चे डरे हुए हैं और कुछ लोग उन्हें सांत्वना दे रहे हैं जबकि टूटी खिड़की के साथ बस चल रही है. फेसबुक यूजर “R.D.Amrute” समेत तमाम यूजर्स ने इस वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया है. स्टोरी लिखे जाने तक “R.D.Amrute” की पोस्ट को 43000 बार देखा जा चुका है और इसे 3800 बार शेयर किया गया है. इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
यह वीडियो फेसबुक के साथ ट्विटर पर भी इसी दावे के साथ वायरल है.
AFWA की पड़ताल
इस वायरल वीडियो की सत्यता की जांच के लिए हमने इसके कुछ फ्रेम को रिवर्स सर्च किया. इस सर्च की मदद से हमें एनडीटीवी की एक न्यूज रिपोर्ट और कुछ ट्वीट मिले जिनसे पता चला कि यह वीडियो 24 जनवरी, 2018 का है.
इस न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, करणी सेना जैसे कई संगठनों ने “इतिहास का गलत चित्रण” करने की वजह से फिल्म ‘पद्मावत’ को रिलीज करने का विरोध किया था. गुरुग्राम में प्रदर्शनकारियों ने एक स्कूल बस पर पत्थर फेंके जिससे उसकी खिड़की का शीशा टूट गया. स्कूल बस में मौजूद बच्चे डर के मारे चीखने लगे, हालांकि, कोई घायल नहीं हुआ था. यह वीडियो बस के अंदर से बनाया गया था और उस समय वायरल हो गया था.
इस तरह साफ हुआ कि प्रदर्शनकारियों द्वारा स्कूल बस पर हमला का करने का यह वीडियो जनवरी, 2018 का है. इसका दिल्ली के सीलमपुर में हुए नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन से कोई लेना देना नहीं है.