सोशल मीडिया पर फिंगरप्रिंट जैसी संरचना वाले एक गांव की तस्वीर वायरल हो रही है. तस्वीर को देखकर ऐसा लगता है कि फिंगरप्रिंट के आकार का यह गांव चारों तरफ हरियाली से घिरा है और उसकी यह तस्वीर सैटेलाइट से ली गई है. तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि यह जर्मनी का एक गांव है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर कोई असली तस्वीर नहीं है. यह दरअसल, जैकब इसिंजर नाम के कलाकार का डिजिटल आर्टवर्क है.
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
फेसबुक पेज “The Reflection ” ने यह तस्वीर पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा है, “फिंगरप्रिंट जैसी संरचना वाला जर्मनी का एक गांव (Erbil)”.
इस दावे की सच्चाई जांचने के लिए हमने इस तस्वीर को रिवर्स सर्च किया और पाया कि यह किसी गांव की असली तस्वीर नहीं है. यह तस्वीर कलाकार जैकब इसिंजर के डिजिटल आर्टवर्क की है. उन्होंने यह आर्टवर्क MODUS पत्रिका के कवर पेज के लिए बनाया था जो फरवरी, 2015 में प्रकाशित भी हुआ था. हमने पाया कि यह तस्वीर मैगजीन के कवर पेज पर इस्तेमाल भी हुई है.
कलाकार ने अपने इस आर्टवर्क की कुछ अन्य तस्वीरें एडोब के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Behance पर खुद ही पोस्ट की हैं. इसिंजर के मुताबिक, “Modus पत्रिका के फरवरी अंक के लिए मुझसे एक फिंगरप्रिंट के आकार का शहर दिखाते हुए एक उपग्रहीय किस्म की कलाकृति बनाने को कहा गया था.”
हमने जर्मनी में "Erbil" गांव के बारे में सर्च किया लेकिन हमें ऐसे किसी गांव के बारे में कोई सूचना नहीं मिली. हालांकि, Erbil इराक का एक शहर है और यह कुर्द इलाके की राजधानी है.
इस तरह पड़ताल में साफ हुआ कि वायरल तस्वीर के साथ जो दावा किया जा रहा है, वह झूठ है. यह कोई वास्तविक तस्वीर या उपग्रही तस्वीर नहीं है, बल्कि एक कलाकार का डिजिटल आर्टवर्क है.