फेसबुक पर फेफड़े के एक्स-रे की एक फोटो वायरल हो रही है. इस फोटो में फेफड़े के बीच एक कॉकरोच दिखाई दे रहा है. इस फोटो के साथ दावा किया जा रहा है कि ऐसा जिम्बाब्वे के एक अस्पताल में हुआ है. फेसबुक पर यह फोटो “Mr Scientific” नाम के पेज से शेयर की गई है.
फोटो के साथ इस पोस्ट में दावा किया गया है कि इस भयानक एक्स-रे के बाद उस मरीज को डॉक्टर ने भारत जाकर सर्जरी कराने की सलाह दी. उसने अपना सबकुछ बेच दिया और भारत आ गया. यहां पर उसका फिर से एक्स-रे हुआ और डॉक्टरों ने उसे बताया कि उसके फेफड़े में कुछ नहीं है. पिछले एक्स-रे में जो कॉकरोच दिख रहा था वह जिम्बाब्वे की एक्स-रे मशीन में था.
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
क्या है सच
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा झूठा है. यह एक मनगढ़ंत कहानी है जो सोशल मीडिया पर कुछ सालों से जब तब वायरल होती रहती है.
वायरल हो रही तस्वीर को फोटोशॉप के जरिये तैयार किया गया है. असली तस्वीर हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री मर्लिन मुनरो के फेफड़े के एक्स-रे की है.
यह तस्वीर जो अजीब सी मनगढ़ंत कहानी के साथ वायरल हो रही है, यह कुछ सालों पहले सामने आई है. इसे 2017 में फेसबुक पेज “Let’s enjoy Zimbabwe ” ने इसी दावे के साथ पोस्ट किया था. 2018 में भी यह तस्वीर बहुत से यूजर्स ने शेयर की थी.
वायरल तस्वीर के साथ छेड़छाड़
हमने रिवर्स इमेज सर्च की मदद से गूगल खंगाला तो असली तस्वीर मिल गई. असली तस्वीर अमेरिका की मशहूर अभिनेत्री और सिंगर मर्लिन मुनरो के फेफड़े के एक्स-रे की है.
मर्लिन मुनरो को 1954 में लेबनान के एक अस्पताल में स्त्री रोग से संबंधित एक सर्जरी के लिए भर्ती कराया गया था. 2010 में उसी अस्पताल से मर्लिन मुनरो के एक्स-रे की तस्वीर की नीलामी हुई थी, जिसकी 45,000 डॉलर में बोली लगी थी.
यह घटना मेनस्ट्रीम मीडिया में व्यापक स्तर पर प्रकाशित हुई थी, जिसे यहां देखा जा सकता है.
असली तस्वीर और वायरल तस्वीर को गौर से देखने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि वायरल हो रही तस्वीर फोटोशॉप की मदद से तैयार की गई है. वायरल तस्वीर में छेड़छाड़ के स्पष्ट निशान देखे जा सकते हैं.
असली तस्वीर
फोटोशॉप्ड फर्जी तस्वीर
निष्कर्ष
एक्स-रे की तस्वीर के साथ वायरल हो रही पोस्ट मनगढ़ंत है. यहां तक कि इस एक तस्वीर के साथ कई तरह की कहानियां गढ़ कर इसे अलग-अलग पोस्ट में इस्तेमाल किया गया है.
वायरल हो रही तस्वीर फोटोशॉप्ड है और जिम्बाब्वे के मरीज की हास्यास्पद कहानी के साथ वायरल की गई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर का फैक्ट चेकिंग संस्थान “Snopes ” भी इस दावे को खारिज कर चुका है.