भावुक कर देने वाली एक तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, इस तस्वीर में एक छोटा बच्चा प्लास्टिक का थैला लिये एक रेगिस्तान में चला जा रहा है.
फेसबुक पर दावा किया गया है कि एक 4 साल का एक बच्चा सीरिया से जॉर्डन की ओर अकेला जा रहा था जब संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (यूएनएचसीआर) की टीम से उसकी मुलाकात हुई. ये भी दावा है कि लड़ाई में उसकी मां और बहन मारे गए और वो बैग में अपने कपड़े लेकर जा रहा था.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वार रूम ने पाया कि ये दावा भ्रामक है. ये पांच पुरानी तस्वीर है और ये लड़का सच में सीरिया से भाग रहा था लेकिन वो अकेला नहीं था, उसके साथ कई लोग थे. वो अपने परिवार से कुछ देर के लिए बिछड़ गया था लेकिन बाद में अपनी मां से जा मिला.
कई दूसरे यूजर्स ने भी इसी कंटेंट के साथ फेसबुक पर कई पोस्ट किए.
2018 में भी यही पोस्ट ट्विटर पर वायरल हुआ था Twitter .
हमें इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट “The Guardian” और “The Telegraph ” में मिली जो 2014 में छपी थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, ये सीरियाई लड़का अपने परिवार के साथ सीमा पर पकड़ा गया था. इस तस्वीर पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने ध्यान तब दिया जब UNHCR की कर्मचारी एंड्रयू हार्पर ने 16 फरवरी 2014 को इसे ट्वीट किया था.
“The Guardian” की रिपोर्ट के मुताबिक सीएनएन के एक सीनियर एंकर ने ये ट्वीट किया था "संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों ने इस 4 साल के बच्चे मारवन का पता चला जब वो अपने परिवार से बिछड़ गया और अकेले ही रेगिस्तान पार कर रहा था #Syria".Here 4 year old Marwan, who was temporarily separated from his family, is assisted by UNHCR staff to cross #Jordan pic.twitter.com/w4s2mrNnMY
— Andrew Harper (@And_Harper) February 16, 2014
दो दिन बाद संयुक्त राष्ट्र की कर्मचारी एंड्रयू हार्पर को बच्चे की एक और तस्वीर ट्वीट करनी पड़ी जिससे सारा मामला साफ हो पाया. यहां बच्चे को उसके कई दूसरे जानने वालों के साथ देखा जा सकता है.
एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा कि लड़के को उसकी मां से मिला दिया गया है.Thanks to Jared 4 this shot showing Marwan at the back of this group of @refugees. He is separated - he is not alone. pic.twitter.com/vq2JpxjT8j
— Andrew Harper (@And_Harper) February 18, 2014
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, जंग के चलते सीरिया से हजारों बच्चों अपने घरों को छोड़कर पड़ोसी मुल्कों जैसे जॉर्डन, तुर्की जैसे देशों में चले गए. कई बच्चे इस दौरान अपने परिवारों से बिछड़ गए.
लेकिन वायरल तस्वीर में किया गया दावा भ्रामक है और ये बच्चा सरहद पार करते वक्त अकेला नहीं था और बाद में उसे उसके परिवार से मिला दिया गया.