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फैक्ट चेक: कराची में हुए धमाके का बताकर वायरल हुईं वर्षों पुरानी तस्वीरें

इंडिया टुडे ने अपनी जांच में पाया कि दोनों तस्वीरें सालों पुरानी है और इनका कराची में शनिवार को हुए धमाके से कोई लेना-देना नहीं है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये तस्वीरें 18 दिसंबर 2021 को कराची में हुए धमाके के बाद की हैं.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
दोनों तस्वीरें सालों पुरानी है और इनका कराची में हुए धमाके से कोई लेना-देना नहीं है.

पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाला कराची शहर 18 दिसंबर 2021 को एक विस्फोट से दहल गया. खबर लिखे जाने तक दुर्घटना में कम से कम 15 लोगों की मौत हो चुकी थी और कई घायल थे. बताया जा रहा है कि यह धमाका एक इमारत के नीचे गैस पाइपलाइन में रिसाव के चलते हुआ.  

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धमाके के बाद से सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिन्हें इस घटना से जोड़ा जा रहा है. पहली तस्वीर में सड़क पर एक आदमी भागते दिख रहा है जिसके आसपास कुछ गाड़ियां जल रही हैं और धुआं उठ रहा है. दूसरी तस्वीर में अपने दोनों हाथ फैलाए एक परेशान बुर्काधारी महिला नजर आ रही है.

इंडिया टुडे ने अपनी जांच में पाया कि दोनों तस्वीरें सालों पुरानी है और इनका कराची में शनिवार को हुए धमाके से कोई लेना-देना नहीं है.

इन तस्वीरों के साथ अंग्रेजी में एक मैसेज लिखा है जिसका हिंदी अनुवाद कुछ इस तरह से है "पाकिस्तान आतंकवाद से निपटने में असमर्थ होने के कारण इसकी भारी कीमत चुका रहा है. अभी-अभी कराची की शेरशाह पराचा चौक के पास एक धमाका हुआ है. इसमें तकरीबन 20 लोगों की मौत हो चुकी है. हमले के पीछे आईएसआईएस का हाथ हो सकता है". ट्विटर पर और भी कई लोग इन तस्वीरों को कराची धमाके का बताकर शेयर कर रहे हैं.

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कहां और कब की हैं ये तस्वीर

पहली तस्वीर

रिवर्स सर्च करने पर सामने आया कि ये तस्वीर 29 सितंबर 2013 को पाकिस्तान के पेशावर में हुए धमाकों के बाद की है. इन धमाकों में 30 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. उस समय इस तस्वीर को कई अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संस्थाओं ने छापा था.

दूसरी तस्वीर

खोजने पर हमें यह तस्वीर 4 जुलाई 2016 को छपी 'बीबीसी' की एक रिपोर्ट में मिली. ये रिपोर्ट इराक की राजधानी बगदाद में हुए एक आत्मघाती बम धमाके को लेकर थी. 3 जुलाई 2016 को हुए इस धमाके में तकरीबन 350 लोगों की जान चली गई थी. यह हमला आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने करवाया था.

कराची में हुए धमाके पर वहां की पुलिस का कहना है कि उन्हें अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे इस घटना को आतंकवाद से जोड़ा जाए. हालांकि, ये घटना अभी-अभी हुई है और जांच के बाद इसको लेकर कुछ अन्य तथ्य भी आ सकते हैं.

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