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फैक्ट चेक: फर्जी दावों के साथ वायरल हुआ बांग्लादेश का पुराना वीडियो

जबसे झारखंड में मॉब लिंचिंग की घटना की खबर सामने आई है, तबसे इस संदर्भ में सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. इसी सिलसिले में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग एक शख्स को पीट रहे हैं और पत्थर से कुचल रहे हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में मरने वाला हिन्दू और मारने वाला मुसलमान है.
ट्विटर यूज़र पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ और फेसबुक यूज़र गीता देवी
सच्चाई
वीडियो बांग्लादेश का है. 2017 में बांग्लादेश में भीड़ ने अबू सैयद और मोहम्मद अली नाम के दो लोगों की पिटाई की थी.

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जबसे झारखंड में मॉब लिंचिंग की घटना की खबर सामने आई है, तबसे इस संदर्भ में सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. इसी सिलसिले में एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग एक शख्स को पीट रहे हैं और पत्थर से कुचल रहे हैं.

इस वीडियो के साथ सोशल मीडिया पर पूछा जा रहा है, “क्या ये लिंचिंग नहीं है? मरने वाला हिन्दू और मारने वाला मुसलमान है. शायद इसलिए बुद्धिजीवियों की नजर में ये लिंचिंग नहीं है”.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम ने अपनी जांच में पाया कि ये वीडियो दो साल पुराना है और बांग्लादेश का है. इस घटना में दो लोगों को पीटा गया था जिनके नाम अबू सैयद और मोहम्मद अली हैं.

viral_062619064101.jpgसोशल मीडिया यूजर्स के फर्जी दावे

ट्विटर यूजर पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने 25 जून को एक वीडियो अपलोड कर कहा,  “क्या ये लिंचिंग नहीं है??? मरने वाला हिन्दू और मारने वाला मुसलमान है... शायद इसलिए बुद्धिजीवियों की नजर में ये लिंचिंग नहीं है”.

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इस वीडियो में कुछ लोग एक शख्स को पीट रहे हैं, पत्थर से कुचल रहे हैं. वीडियो पर ब्रेकिंग न्यूज़ लिखा है और साथ ही बीच बीच में लिखा हुआ आ रहा है, “इसे भी दिखा रे दोगली मीडिया”, “ये सब मीडिया में आती तक नहीं” और “दोगली मीडिया हाय हाय”.

इस पोस्ट को स्टोरी के लिखे जाने तक 7,000 से ज्यादा लोगों ने रीट्वीट और लाइक किया. इस पोस्ट में कई लोगों नें कमेंट कर “देश में बहुत संकट हैं” जैसी बातें लिखी हैं और कुछ लोगों ने तो प्रधानमंत्री दफ्तर को टैग कर ज़रूरी कार्रवाई की मांग की है. इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्ज़न यहां देखा जा सकता है.

फेसबुक यूज़र गीता देवी ने भी यही वीडियो इसी दावे के साथ अपलोड किया था. इस पोस्ट को स्टोरी के लिखे जाने तक 2,000 से ज्यादा लोगों ने शेयर किया. इस पोस्ट पर भी लोग “हिंदुओं जागो” जैसे कमेंट कर रहे हैं. इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्ज़न यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम ने रिवर्स सर्च करके पाया कि दरअसल ये वीडियो पुराना है.

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अप्रैल 2017 में राना मोहम्मद रसेल नाम के एक शख्स ने ये वीडियो अपलोड कर बंगाली में इस वाकये की पूरी जानकारी दी थी. इस वीडियो के साथ रसेल ने लिखा मोनीर के हत्यारे मारे गए.

वीडियो के विवरण में लिखा है कि कोमिला में हुई हत्या के बाद दो लोग अबू सैयद (28) और मोहम्मद अली (32) को भीड़ ने पीटा. इस हादसे में अबू सैयद की मौत हुई और मोहम्मद अली गंभीर रूप से घायल.

कोमिला बांग्लादेश के चितगोंग इलाके का एक शहर है और इस हत्या के बारे में कई अखबारों में खबर छपी थी जैसे कि ढाका टाइम्स 24 में इस खबर को पढ़ा जा सकता है.

दरअसल, ये वीडियो अलग दावों के साथ 2017 में भी वायरल हुआ था और उस समय भी कई वेबसाइट्स ने वायरल वीडियो की सच्चाई बताई थी जिसे यहां और यहां पढ़ा जा सकता है.

इस वीडियो की सच्चाई ये है कि दरअसल बांग्लादेश में अवामी लीग के नेता मोनीर हुसैन सरकार की हत्या के बाद 1 अप्रैल 2017 को एक गांव के लोगों ने उनके हत्यारों कि पिटाई की थी. इसी पिटाई का वीडियो वहां के एक निवासी ने अपलोड किया था जो कि अलग अलग दावों के साथ भारत में वायरल होता रहता है.

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