सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसके जरिये दावा किया जा रहा है कि साल 2020 के नये बजट के अनुसार आवास योजना के तहत हर परिवार के एक सदस्य को 25000 रुपये दिए जा रहे हैं. पोस्ट के साथ एक लिंक भी शेयर किया जा रहा है. पोस्ट में लिखा गया है कि 25000 रुपये पाने के लिए इस लिंक पर मौजूद एक फॉर्म भर कर ऑनलाइन ही सब्मिट करें.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा यह पोस्ट फर्जी है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 25000 रुपये देने का कोई प्रावधान नहीं है. इसके अलावा जिस वेबसाइट का लिंक पोस्ट के साथ शेयर किया जा रहा है वह प्रधानमंत्री आवास योजना की आधिकारिक वेबसाइट नहीं है.
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
फेसबुक पेज "Electronics shop India" ने यह लिंक शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा: "सन 2020 के नय बजट के अनुसार भारत के हर परिवार के किसी भी एक व्यक्ति को आवास योजना के तहत 25000 रु दिए जा रहे है, अगर आपके परिवार में से किसी ने भी इस योजना का लाभ नहीं उठाया है तो आप इस लिंक पर क्लिक करके फॉर्म भरे और 25000 रु प्राप्त करें. "
वायरल पोस्ट में किए जा रहे दावे की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले पोस्ट के साथ शेयर किए गए लिंक पर क्लिक किया. इससे हमारे सामने एक वेबपेज खुल गया जिसमें नाम, फोन नंबर, ईमेल आईडी और पिन नंबर जैसी जानकारियां मांगी गईं. यह जानकारियां डालने के बाद जब हमने सब्मिट किया तो इसमें लिखा हुआ आया कि 25000 रुपये पाने के लिए इसे 5 दोस्तों या ग्रुप को व्हॉट्सएप करें.
ऐसा करने पर यह आपको dream11.com पर ले जाता है जहां आपसे अपना मोबाइल नंबर और ईमेल फिर से डाल कर रजिस्ट्रेशन करने को कहा जाता है. यह ऑनलाइन गेम्स की वेबसाइट है जिस पर क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, हॉकी और कबड्डी पर आधारित ऑनलाइन गेम्स खेले जा सकते हैं.
नहीं है प्रधानमंत्री आवास योजना की आधिकारिक वेबसाइट
गौर करने की बात यह है कि भारतीय सरकारी वेबसाइट के लिए मौजूद गाइडलाइंस के अनुसार कोई भी सरकारी वेबसाइट ‘gov.in’ या ‘nic.in’ डोमेन का ही उपयोग कर सकती है. जबकि वायरल पोस्ट के साथ दिया गए लिंक में ऐसा कोई डोमेन इस्तेमाल नहीं किया गया है.
यह हैं प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रावधान
हमने प्रधानमंत्री आवास योजना की आधिकारिक वेबसाइट को देखा तो हमें इस पर योजना से जुड़ी जानकारियां मिलीं. इसके अनुसार स्कीम के तहत किसी भी व्यक्ति को घर बनाने के नाम पर कैश देने का प्रावधान नहीं है.
इन-सितु स्लम रीडेवलपमेंट (ISSR) के तहत झुग्गी झोपड़ी को डेवलप कर वहां घर बनाने के लिए केंद्र सरकार राज्य/केंद्र शासित प्रदेश को प्रति घर 1 लाख रुपये देगी, जिसका इस्तेमाल इन घरों को बनाने में किया जाएगा. जबकि क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) के तहत हर घर पर 2.67 लाख रुपये तक ब्याज में छूट देने का प्रावधान है.
पीआईबी फैक्ट चेक ने भी किया खंडन
हमें वायरल पोस्ट को गलत बताते हुए पीआईबी फैक्ट चेक का एक ट्वीट भी मिला, जिसमें यह साफ किया गया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 25000 रुपये देने का कोई प्रावधान नहीं है. वेबसाइट का लिंक फर्जी है और यह केवल डेटा इकट्ठा कर रही है, जिसका बाद में दुरुपयोग हो सकता है.
#FakeNews alert! प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 25000 रु प्राप्त करने का दावा झूठा है। इस योजना के अंतर्गत ऐसा कोई प्रावधान नही है|
दिया गया वेबसाइट लिंक फर्जी है।यह केवल डाटा कलेक्ट कर रही है। जिसका भविष्य में दुरुपयोग हो सकता है। pic.twitter.com/GcLpXMl9Vy
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) February 14, 2020
निष्कर्ष
पड़ताल में साफ हुआ कि वायरल हो रहा दावा पूरी तरह से गलत है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार 25000 रुपये नहीं दे रही है. पोस्ट के साथ दिया वेबसाइट का लिंक फर्जी है.