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फैक्ट चेक: फर्जी है प्रदर्शन कर रही महिलाओं की यह वायरल तस्वीर

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर के जरिए ऐसा दिखाने की कोशिश की जा रही है कि धरना दे रही महिलाएं अब 500 रुपये की जगह 1000 रुपये की मांग कर रही हैं. इस तस्वीर को शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन से जोड़ते हुए कमेंट्स किए जा रहे हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
धरने पर बैठी महिलाएं पैसे बढ़ाने की मांग कर रही हैं.
फेसबुक यूजर
सच्चाई
वायरल तस्वीर को असली तस्वीर से छेड़छाड़ करके तैयार किया है.

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सोशल मीडिया पर हिजाब पहने कुछ महिलाओं की एक तस्वीर वायरल हो रही है. तस्वीर में महिलाएं राष्ट्रीय ध्वज के साथ हाथ में पोस्टर लिए नारे लगाती दिख रही हैं. पोस्टर पर 'ab 500 nhi 1000 chahiye' लिखा गया है.

इस तस्वीर के जरिए ऐसा दर्शाने की कोशिश की जा रही है कि धरना दे रही महिलाएं अब 500 रुपये की जगह 1000 रुपये की मांग कर रही हैं. लोग इस तस्वीर को दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन से जोड़ते हुए इस पर कमेंट्स कर रहे हैं.

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दरअसल, सोशल मीडिया पर हाल ही में एक वीडियो जमकर वायरल हुआ था. वीडियो में एक युवक यह कहते हुए दिख रहा था कि शाहीन बाग में धरना दे रहीं महिलाओं को शिफ्ट के हिसाब से 500-700 रुपये का भुगतान किया जाता है. इस खबर से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट यहां देखी जा सकती है.

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इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल तस्वीर को एडिट किया गया है. असली तस्वीर में पोस्टर पर विरोध प्रदर्शन से जुड़े कुछ स्लोगन लिखे हुए हैं.

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फेसबुक यूजर Shish Rajput ने ये तस्वीर "I Am With Indian Army" नाम के एक फेसबुक पेज पर शेयर की है. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमने पाया कि तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की गई है. असली तस्वीर में पोस्टर पर अंग्रेजी में लिखा गया है- "Where's your humanity? It's been cut" "Crying culture claims new democracy".

हमें THE HINDU और Newsd में प्रकाशित न्यूज आर्टिकल्स मिले, जिनमें वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. आर्टिकल के मुताबिक 14 जनवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर में अलग-अलग धर्मों की कुछ महिलाओं ने हिजाब पहनकर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था.

पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल तस्वीर में नजर आ रहे पोस्ट फोटोशॉप की मदद से तैयार किए गए हैं.

आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर तमाम दावे किए जा रहे हैं कि शाहीन बाग में जो लोग धरने पर बैठे हुए हैं, उन्हें इसके लिए पैसे दिए जा रहे हैं. इन आरोपों में कितनी सच्चाई है, इसके बारे में इस वक्त हमारे पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
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