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तस्वीर को शेयर करते हुए लोग कैप्शन में लिख रहे हैं "असली झांसी की रानी जो किसान हक के लिए कूद पड़ी है युद्ध के मैदान में... #किसान_अब_दिल्ली_फतह_करेगा #किसान_विरोधी_कानून_वापस_लो."
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट भ्रामक है. ये तस्वीर चार साल से ज्यादा पुरानी है. इसका अभी चल रहे किसान विरोध से कोई लेना देना नहीं.
इस तस्वीर को किसान आंदोलन से जोड़ते हुए हजारो लोग शेयर कर चुके हैं. कुछ महीने पहले भी कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने तस्वीर को कृषि कानून के विरोध का बताते हुए पोस्ट किया था.
पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
तस्वीर को 'बिंग' पर रिवर्स सर्च करने पर हमें एक फेसबुक पेज मिला जहां इस तस्वीर को सितंबर 2016 में अपलोड किया गया था. यहां तस्वीर के साथ कोई जानकारी मौजूद नहीं है. इसके बाद कुछ लोगों ने साल 2018 में तस्वीर को किसानों से जोड़ते हुए शेयर किया था. इस बात की पुष्टि करना मुश्किल है कि ये तस्वीर कहां की है और इसके पीछे की कहानी क्या है. लेकिन ये बात पुख्ता तौर पर कही जा सकती है कि तस्वीर कई साल पुरानी है, अभी चल रहे किसान आंदोलन की नहीं.
हालांकि ये बात सच है कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में कई महिलाओं ने भी हिस्सा लिया है. इसको लेकर इंटरनेट पर कुछ खबरें भी मौजूद हैं.