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आग और धुएं के एक भयानक मंजर की तस्वीर पिछले कई सालों से अलग-अलग घटनाओं से जोड़कर शेयर की जा रही है. हाल-फिलहाल की बात करें, तो इसे सोशल मीडिया पर ये कहते हुए शेयर किया जा रहा है कि ये अफगानिस्तान का नजारा है जहां बम बनाना सीख रहे 30 आतंकवादी बम फटने की वजह से मारे गए.
एक फेसबुक यूजर ने इस फोटो को शेयर किया, जिसके साथ लिखा है, “मस्जिद में दी जा रही थी बम बनाने की ट्रेनिंग, धमाके में 30 आतंकवादियों की मौत.”
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इसी फोटो को कुछ महीने पहले नाइजीरिया की कई वेबसाइट्स पर वहां के एक चर्च में हुए धमाके की घटना से जोड़कर शेयर किया जा रहा था. ऐसी दो वेबसाइट्स का आर्काइव्ड वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है.
बात यहीं खत्म नहीं होती. कुछ वेबसाइट्स पर इस तस्वीर को नाइजीरिया के लागोस इबादन एक्सप्रेसवे पर हुई दुर्घटना की खबर के साथ पोस्ट किया गया है. कहीं पर इसे नेपाल में एक बम धमाके की एक घटना के साथ शेयर किया गया है, जिसमें चार बच्चों की मौत हो गई थी.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि पिछले कई सालों से अलग-अलग धमाकों की खबरों के साथ शेयर की जा रही ये वायरल फोटो इंग्लैंड स्थित स्टैफर्ड की एक इमारत में आग लगने की है. ये फोटो साल 2016 में रिचर्ड स्पिलर नाम के फोटोग्राफर ने खींची थी.
क्या है सच्चाई
‘टिनआई सर्च इंजन’ की मदद से रिवर्स सर्च करने से हमें वायरल फोटो ‘गेटीइमेजेज’ वेबसाइट पर मिल गई. यहां इसे 5 अक्टूबर 2018 को पोस्ट किया गया था. यहां इस फोटो के साथ रिचर्ड स्पिलर नाम के फोटोग्राफर का नाम लिखा है. साथ ही, ‘EyeEm’ नाम की एक अन्य स्टॉक फोटो वेबसाइट का नाम भी लिखा हुआ है.
फोटोग्राफर की तफ्तीश
कीवर्ड सर्च के जरिये तलाशने पर हमें पता चला कि ‘EyeEm’ वेबसाइट पर वायरल फोटो 3 मार्च 2016 को पोस्ट की गई थी. इस वेबसाइट पर मौजूद रिचर्ड स्पिलर के प्रोफाइल से हमें पता चला कि वे इंग्लैंड के स्टैफर्ड शहर में रहते हैं.
‘स्टैंफर्ड’ और ‘रिचर्ड स्पिलर’ कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें पता लगा कि रिचर्ड ने ‘500px’ नाम की एक अन्य फोटो वेबसाइट पर भी अपना प्रोफाइल बनाया है, जहां उनके आधिकारिक फेसबुक और ट्विटर अकाउंट्स का लिंक दिया हुआ है.
फेसबुक से मिला घटनास्थल का सुराग
रिचर्ड ने अपने फेसबुक अकाउंट पर ये वायरल फोटो 2 मार्च 2016 को शेयर की थी. उन्होंने इस घटना से जुड़ी कई दूसरी तस्वीरें भी शेयर की थीं. इनमें से एक फोटो के साथ कैप्शन लिखा था, “स्टैंफर्ड की आग”.
इस कैप्शन की जानकारी की मदद से हमें पता लगा कि 2 मार्च 2016 को इंग्लैंड के स्टैफर्ड शहर में ‘ग्लोबल हाईजीन’ नाम की एक सफाई उत्पाद बनाने वाली कंपनी की इमारत में आग लग गई थी. इस घटना के बारे में ‘द गार्जियन’ और ‘बीबीसी’ समेत सभी बड़ी वेबसाइट्स ने खबर छापी थी. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, स्टैफर्ड की जिस इमारत में आग लगी थी, उसका निर्माण चल रहा था. ‘द गार्डियन’ की रिपोर्ट में मौजूद इस घटना की तस्वीरें रिचर्ड स्पिलर की खींची तस्वीरों से काफी मेल खाती हैं.
बाद की घटनाओं के साथ शेयर हो रही ये फोटो अफगानिस्तान के धमाके में आतंकवादियों के मरने की घटना साल 2021 की है, नाइजीरिया के चर्च में धमाके की घटना साल 2020 की है, नाइजीरिया के लागोस इबादन एक्सप्रेसवे पर हुई दुर्घटना साल 2018 की है और नेपाल बम धमाके की घटना, जिसमें चार बच्चों की मौत हो गई थी, साल 2020 की है.
इन सभी घटनाओं के साथ वायरल तस्वीर को पिछले कई सालों से शेयर किया जा रहा है, जबकि ये तस्वीर 2016 से ही इंटरनेट पर मौजूद है.