“हिंदू बेटियों ने लव जिहादियों को सबक सिखाना शुरू कर दिया है.” सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के जरिए कुछ ऐसा ही दावा किया जा रहा है. वीडियों में स्कूल यूनिफॉर्म पहने कुछ लड़कियां एक लड़के को दौड़ा-दौड़ा कर डंडे से पीटते नजर आ रही हैं. युवक लड़कियों से बचने के लिए इधर-उधर भाग रहा है.
पोस्ट में युवक को मुस्लिम और लड़कियों को हिंदू बताया गया है. इस सांप्रदायिक दावे के साथ ये वीडियो फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर जमकर शेयर किया जा रहा है. वायरल पोस्ट का आर्कइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये दिसंबर 2018 का यूपी के बागपत का वीडियो है. मामला छेड़खानी का था, जिसमें युवक और लड़कियां दोनों हिंदू समुदाय से ही थे.
कैसे पता की सच्चाई?
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें “वन इंडिया” की एक खबर मिली. 10 दिसंबर 2018 को छपी इस खबर में वायरल वीडियो के साथ बताया गया है कि बागपत के बड़ौत इलाके में स्थित धरम सिंह इंटर कॉलेज की कुछ छात्राओं ने मिलकर एक युवक को पीट दिया था.
खबर के अनुसार, इलाके के मनचले लड़के छात्राओं को आए दिन छेड़ते थे. इसके चलते छात्राओं का कॉलेज आना-जाना भी दूभर हो रहा था. एक दिन तो एक लड़का छात्राओं को छेड़ने के लिए कॉलेज में ही घुस आया.
आरोपी को सबक सिखाने के लिए छात्राओं ने कॉलेज का गेट बंद कर उसे घेर लिया और दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. युवक को बचने के लिए कॉलेज की छत कूंदकर भागना पड़ा था.
इस मामले में उस समय “द क्विंट” और “न्यूज 18” ने भी खबरें छापी थीं.
“द क्विंट” की खबर में आरोपी का नाम कपिल चौहान बताया गया है, जिसे पुलिस ने धारा 294 के तहत गिरफ्तार कर लिया था. युवक, कॉलेज कमेटी के प्रबधंक का बेटा था. उस समय किए गए एक फेसबुक पोस्ट में कपिल चौहान को भंवर सिंह नाम के व्यक्ति का बेटा बताया गया था. आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर बागपत पुलिस ने भी 10 दिसंबर 2018 को एक ट्वीट किया था.
इस बारे में ‘आज तक’ ने धरम सिंह इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल विनीता शर्मा से भी बात की. उन्होंने भी हमें इस बात की पुष्टि की कि आरोपी लड़के का नाम कपिल चौहान था और वो हिंदू ही था. छात्राएं भी हिंदू थीं. हमने बागपत पुलिस से भी संपर्क करने की कोशिश की है. अगर जवाब आता है तो उसे खबर में अपडेट कर दिया जाएगा.
कुल मिलाकर ये बात साफ हो जाती है कि वीडियो के साथ झूठा सांप्रदायिक दावा किया जा रहा है. न तो ये वीडियो हाल-फिलहाल का है और न ही इसमें आरोपी मुस्लिम था.