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बिप्लब कुमार देब ने 14 मई को त्रिपुरा के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद माणिक साहा ने वहां के नए सीएम के तौर पर शपथ ली.
बिप्लब के इस्तीफे के बाद से ही सोशल मीडिया पर उनके नाम से एक कथित बयान वायरल हो गया है. ये बयान है, “त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दे दिया, बोले मोदी के नेतृत्व में देश बर्बाद हो रहा है.”
‘क्राउडटैंगल टूल’के मुताबिक, खबर लिखे जाने तक बिप्लब देब के नाम पर वायरल इस कथित बयान पर करीब 12 हजार इंटरैक्शन (लाइक, कमेंट और शेयर) हो चुके थे.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि बिप्लब देब ने इस्तीफा देने के बाद पीएम मोदी के खिलाफ इस किस्म का कोई बयान नहीं दिया है. बिप्लब के मीडिया एडवाइजर संजय कुमार मिश्रा ने खुद ‘आजतक’ से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है.
साथ ही, लंबे वक्त से त्रिपुरा की राजनीति कवर कर रहे कई पत्रकारों ने भी हमें यही बताया है कि बिप्लब के नाम पर वायरल ये बयान फर्जी है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
बिप्लब देब के अचानक सीएम पद से इस्तीफा देने को लेकर मीडिया में काफी चर्चा हुई. जाहिर है, अगर ऐसे में उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ कोई बयान दिया होता, तो इसे लेकर सभी जगह खबर छपी होती. पर, हमें ऐसी कोई भी मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली. बिप्लब के सोशल अकाउंट्स पर भी हमें ऐसा कोई बयान नहीं मिला.
‘बिजनेस स्टैंडर्ड’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस्तीफा देने के बाद बिप्लब ने कहा कि पार्टी चाहती है कि अब वो 2023 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी को मजबूत करने का काम करें.
बिप्लब ने त्रिपुरा के नए सीएम माणिक साहा को बधाई देते हुए एक ट्वीट भी किया जिसमें उन्होंने लिखा, “डॉ. मणिक साहा को विधायक दल का नेता चुने जाने पर बहुत-बहुत बधाई. मुझे पूरा यकीन है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में त्रिपुरा और खुशहाल होगा.
Congratulations and best wishes to @DrManikSaha2 ji on being elected as the legislature party leader.
— Biplab Kumar Deb (@BjpBiplab) May 14, 2022
I believe under PM Shri @narendramodi Ji's vision and leadership Tripura will prosper. pic.twitter.com/s0VF1FznWW
क्या बोले बिप्लब के प्रवक्ता?
इस बारे में और जानकारी पाने के लिए हमने बिप्लब के मीडिया एडवाइजर संजय कुमार मिश्रा से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि बिप्लब के नाम पर वायरल ये बयान फर्जी है. संजय कहते हैं, “पीएम मोदी के खिलाफ इस तरह का कोई बयान देना तो दूर की बात है, बिप्लब सपने में भी इस तरह की कोई बात नहीं सोच सकते हैं.”
त्रिपुरा की राजनीति को कवर करने वाले पत्रकारों की राय
हमने इस बयान को लेकर पुख्ता जानकारी जुटाने के लिए उत्तर-पूर्व भारत की खबरों को लंबे समय तक कवर कर चुके वरिष्ठ पत्रकार सुबीर भौमिक से ईमेल के जरिये संपर्क किया. सुबीर ने भी इस बयान को सिरे से खारिज कर दिया. उनका कहना था,“ बिप्लब के नाम पर शेयर किया जा रहा ये बयान फर्जी है. इस बात की काफी संभावना है कि इसे पार्टी में मौजूद उनके विरोधी समूह ने वायरल करवाया हो ताकि उनके खिलाफ माहौल तैयार किया जा सके.”
‘त्रिपुरा न्यूज लाइव’ के प्रवक्ता ने भी ‘आजतक’ को यही बताया कि बिप्लब ने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है.
बीजेपी आलाकमान ने क्यों लिया ये निर्णय?
बीजेपी आलाकमान ने अचानक त्रिपुरा को लेकर ये निर्णय क्यों लिया, इसे लेकर अलग-अलग मीडिया वेबसाइट्स ने अपना-अपना आकलन पेश किया है. ज्यादातर ने इसकी वजह पार्टी की अंदरूनी कलह को बताया है. ‘द हिंदू’ की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि त्रिपुरा बीजेपी के ही कई विधायक बिप्लब से नाखुश चल रहे थे. पार्टी के दो विधायक सुदीप रॉय बर्मन और आशीष साहा फरवरी में इसी नाराजगी के चलते बीजेपी से नाता तोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
बिप्लब के इस्तीफे के कारणों को लेकर हम अपनी तरफ से कोई टिप्पणी नहीं कर रहे. पर, इतनी बात पक्की है कि उनके नाम पर वायरल हो रहा ये पीएम मोदी विरोधी बयान फर्जी है.