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फैक्ट चेक: क्या है जनरल बिपिन रावत के नाम से वायरल हो रही चिट्ठी की असलियत?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही चिट्ठी पर बिपिन रावत की तस्वीर के साथ भारतीय सेना का लोगो भी है. दावे के मुताबिक बिपिन रावत की इस चिट्टी में लिखा है कि फरवरी 2019 में वायुसेना के मुकाबले भारतीय थलसेना ने नौशेरा में भारत की सीमाओं का बचाव बेहतर ढंग से किया था.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
पूर्व सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने थलसेना को वायुसेना और नौसेना से बेहतर बताया.
ट्विटर यूजर्स जैसे 'कश्मीर फोकस'
सच्चाई
वायरल हो रहा पत्र फर्जी है.

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इसी साल 1 जनवरी से पूर्व सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के तौर पर पदभार संभाला है. इसी बीच उनके नाम से एक पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. इस पत्र में कथित तौर पर थलसेना को वायुसेना और नौसेना से बेहतर बताया है.

ट्विटर यूजर्स जैसे कश्मीर फोकस और विशाल ठक्कर समेत कई अन्य ट्विटर यूजर्स ने इस फर्जी लेटर को शेयर किया है.

bipin-latter_010320014011.jpgइस वायरल हो रही चिट्ठी पर बिपिन रावत की तस्वीर के साथ भारतीय सेना का लोगो भी है. दावे के मुताबिक बिपिन रावत की इस चिट्टी में लिखा है कि फरवरी 2019 में वायुसेना के मुकाबले भारतीय थलसेना ने नौशेरा में भारत की सीमाओं का बचाव बेहतर ढंग से किया था. इसमें थलसेना की तर्ज पर नौसेना और वायुसेना को चलाने के लिए पूर्व सेना अध्यक्ष ने बात कही है.

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इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि बिपिन रावत के नाम से वायरल हो रहा यह पत्र फर्जी है. हमने असली चिट्ठी ढूंढ निकाली जो कि बिपिन रावत ने 1 जनवरी, 2018 बतौर सेनाप्रमुख भारतीय सेना को शुभकामना संदेश देने के लिए लिखी थी. असली चिट्ठी के तीसरे और चौथे पैराग्राफ को बदल करके फर्जी चिट्ठी तैयार की गई है और उसे वायरल किया गया. पहले पैरा में न्यू ईयर 2018 को बदल कर फर्जी चिठ्ठी में इसे 2020 बना दिया गया था.

Original Letter

दरअसल, सेना प्रमुख बिपिन रावत ने साल 2018 की शुरुआत में सेना के जवानों और अधिकारियों को नए साल की शुभकामनाएं देते हुए ये पत्र लिखा था. भारतीय सेना ने 1 जनवरी, 2018 को अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर पोस्ट भी किया था. उस समय की मीडिया रिपोर्ट्स में भी आप इस चिट्ठी से जुड़ी खबर पढ़ सकते हैं.

पीआईबी ने भी ट्वीट करके वायरल हो रहे इस लेटर को फर्जी बताया है.

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वहीं भारतीय सेना ने भी अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर पोस्ट डालकर इस चिट्ठी को नकली बताया है.

सेनाप्रमुख जनरल रावत ने इसी तरह इसके अगले साल यानी 1 जनवरी, 2019 को भी सेना के जवानों को बधाई देने के लिए चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी को भी सेना के आधिकारिक फेसबुक पेज पर पोस्ट किया गया था.

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इस तरह स्पष्ट है कि वायरल हो रही चिट्ठी फर्जी है. इसे जनरल विपिन रावत की ओर से सेना के जवानों को नये साल की बधाई देने के लिए 1 जनवरी, 2018 को लिखी गई चिट्ठी में फर्जी तरीके से बदलाव करके तैयार किया गया है.

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