सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेकअप पर हर महीने 80 लाख रुपए खर्च होते हैं. वीडियो में मोदी एक सोफे पर बैठे हुए हैं और कुछ लोग उनके चेहरे का अलग अलग एंगल से नाप ले रहे हैं और तस्वीरें खींच रहे हैं. यह दावा एक आरटीआई के हवाले से किया जा रहा है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि ये वीडियो मार्च 2016 का है. उस समय मैडम तुसाद म्यूजियम के कुछ आर्टिस्ट मोदी का वैक्स स्टेच्यू बनाने के लिए उनका शारीरिक नाप लेने उनके घर आए थे. हमें ऐसी कोई आरटीआई भी नहीं मिली जिसमें मोदी के मेकअप पर हुए खर्चे का जिक्र हो.
इस पोस्ट को गुरुग्राम कांग्रेस के आधिकारिक फेसबुक अकाउंट से भी शेयर किया गया है. एक अन्य फेसबुक अकाउंट से इस पोस्ट को 15000 से भी ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है.
वीडियो के कैप्शन में लिखा है- "ये है गरीब का बेटा, मेकअप करा रहा है आरटीआई के जरिए खुलासा हुआ है कि इसके शृंगार के लिए ब्यूटीशियन को 80 लाख रुपए प्रतिमाह भुगतान किया जाता है."
पड़ताल में पता चला कि मैडम तुसाद म्यूजियम के यूट्यूब चैनल पर इस वीडियो को अपलोड किया गया था. मीडिया द्वारा इस पर खबर भी की गई थी.
दावे में एक आरटीआई का भी जिक्र किया गया है. इंडिया टुडे को ऐसी कोई भी आरटीआई नहीं मिली जिसमें ये कहा गया हो कि मोदी के मेकअप पर 80 लाख रुपए खर्च होते हैं. हमें एसी एक आरटीआई जरूर मिली जिसमें मोदी के कपड़ों पर होने वाले खर्चे का जिक्र है. आरटीआई में ये बात स्पष्ट बताई गई है कि मोदी के कपड़ों का खर्चा सरकार नहीं उठाती.
ये फर्जी पोस्ट पिछले साल अक्टूबर में भी वायरल हुई थी. उस समय दावा किया गया था कि मोदी 15 लाख रुपए महीने की पगार पर रखे गए एक मेकअप आर्टिस्ट से मेकअप करवाते हैं. बूमलाइव सहित कई फैक्ट चेकर्स ने इस दावे को ख़ारिज किया था.