scorecardresearch
 

फैक्ट चेक: बिना मास्क के हर्षवर्धन ने किया बंगाल हिंसा का विरोध? नहीं, ये तस्वीर दो साल पुरानी है

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसके जरिये दावा किया जा रहा है कि महामारी से निपटने के बजाए हर्षवर्धन बिना मास्क के टीएमसी के खिलाफ धरना दे रहे हैं. तस्वीर में हर्षवर्धन सहित अन्य बीजेपी नेता और मंत्री "बंगाल बचाओ लोकतंत्र बचाओ" के बैनर लिए धरने पर बैठे दिख रहे हैं. तस्वीर में नेताओं को मुंह पर उंगली रखे हुए भी देखा जा सकता है.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
महामारी से निपटने के बजाय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन बिना मास्क के टीएमसी के खिलाफ धरना दे रहे हैं.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये तस्वीर मई 2019 की है जब हर्षवर्धन और अन्य बीजेपी नेताओं ने टीएमसी के खिलाफ दिल्ली में मौन धरना दिया था. ये धरना उस समय कोलकाता में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में हुई हिंसा के खिलाफ था.

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद हिंसा भड़की उठी. बीजेपी ने इस हिंसा के लिए सत्ताधारी टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इस हिंसा में अब तक उसके 14 कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं. इसका विरोध करते हुए बीजेपी नेताओं ने 5 मई को देश के अलग-अलग हिस्सों में धरना दिया. कोरोना के चलते बीजेपी की तरफ से कहा गया कि ये धरना-प्रदर्शन कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए होगा. लेकिन अगर एक सोशल मीडिया पोस्ट की मानें तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने खुद इस नियम की धज्जियां उड़ा दी हैं.

Advertisement

दरअसल, सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसके जरिये दावा किया जा रहा है कि महामारी से निपटने के बजाए हर्षवर्धन बिना मास्क के टीएमसी के खिलाफ धरना दे रहे हैं. तस्वीर में हर्षवर्धन सहित अन्य बीजेपी नेता और मंत्री "बंगाल बचाओ लोकतंत्र बचाओ" के बैनर लिए धरने पर बैठे दिख रहे हैं. तस्वीर में नेताओं को मुंह पर उंगली रखे हुए भी देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. वायरल तस्वीर मई 2019 की है जब हर्षवर्धन और अन्य बीजेपी नेताओं ने टीएमसी के खिलाफ दिल्ली में मौन धरना दिया था. ये धरना उस समय कोलकाता में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में हुई हिंसा के खिलाफ था.

Advertisement

इस तस्वीर को शेयर करते हुए कुछ फेसबुक यूजर्स ने कैप्शन में लिखा है, "यह है देश कि सिस्टम..!! बीच में बैठा आदमी, इस देश का “स्वास्थ्य मंत्री” है।
महामारी से निपटने व लोगों को बचाने के लिए एक्शन लेना था वह धरना दे रहा है. बंगाल की हार नही पचने के कारण राष्ट्रपति शासन लगा दो यह कहते हुए धरना पर बैठ गये बिना मास्क ! देश मे रोज “ऑक्सिजन और दवा” की कमी से  3000 से 3500 और ज्यादा भी मर रहे हैं यह दिखाई नहीं देते क्योकि इनको सिर्फ अपने कुर्सी कि चिंता है जनता जाए भाड़ में...!!"

ट्विटर पर भी ये तस्वीर हाल ही में हुई बंगाल हिंसा से जोड़ते हुए वायरल हो रही है. कई सोशल मीडिया यूजर्स इस तस्वीर को हाल की समझ रहे हैं ​और बीजेपी नेताओं की जमकर आलोचना कर रहे हैं कि वे ना तो मास्क पहने हैं और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं.  वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

कैसे पता की सच्चाई?

तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें न्यूज वेबसाइट "HW हिंदी" के एक आर्टिकल में यही तस्वीर मिली. इस खबर के मुताबिक 14 मई 2019 को कोलकाता में अमित शाह का एक रोड शो हुआ था. इस रोड शो के दौरान शाह के काफिले पर पथराव हुआ जिससे टीएमसी और बीजेपी के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प देखी गई. बीजेपी ने आरोप लगाया कि अमित शाह के काफिले पर ये हमला टीएमसी के लोगों ने किया था. कोलकाता में हुई इस हिंसा में काफी बवाल हुआ था. यहां तक कि कोलकाता के विद्यासागर कॉलेज में लगी ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति को भी तोड़ दिया गया था.

Advertisement

इसी के विरोध में बीजेपी नेता दिल्ली के जंतर-मंतर पर मौन धरने पर बैठे थे. वायरल तस्वीर भी इसी समय की खींची गई थी. इस प्रदर्शन में हर्षवर्धन के साथ केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह, निर्मला सीतारमण और विजय गोयल भी मौजूद थे. इस मौके की इंटरनेट पर और भी कई तस्वीरें मौजूद हैं.

यहां इस बात की पुष्टि हो जाती है कि ये तस्वीर दो साल पुरानी है और इसका हाल ही में हुई बंगाल हिंसा से कोई लेना-देना नहीं ​है.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Advertisement
Advertisement