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फैक्ट चेक: क्या रूस ने पाकिस्तान को गिफ्ट किए कोरोना के 10 लाख टीके?

एक वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि रूस ने पाकिस्तान को दस लाख कोरोना टीके गिफ्ट में दिए हैं. ये भी कहा जा रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे गिफ्ट नहीं, बल्कि रूसी वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल करार दिया है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
रूस ने पाकिस्तान को कोरोना के 10 लाख टीके गिफ्ट में दिए हैं. डब्ल्यूएचओ ने इसे ह्युमन ट्रायल का तीसरा चरण करार दिया है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये मैसेज एक व्यंग्य पोर्टल से उठाया गया है. रूस ने अपनी वैक्सीन का अब तक व्यापक उत्पादन शुरू नहीं किया है. पोस्ट में डब्ल्यूएचओ का जो हवाला दिया गया है, वह भी सच नहीं है.

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व्हाट्सएप और फेसबुक पर वायरल एक मैसेज में दावा किया जा रहा है कि रूस ने पाकिस्तान को दस लाख कोरोना टीके गिफ्ट में दिए हैं. ये भी कहा जा रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे गिफ्ट नहीं, बल्कि रूसी वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल करार दिया है.

कई फेसबुक यूजर्स ने इस मैसेज को पोस्ट किया है, जिसमें लिखा है कि “चीन के बाद, रूस ने पाकिस्तान को 10 लाख कोरोना वैक्सीन दी; डब्ल्यूएचओ इसे ह्युमन ट्रायल का तीसरा चरण माना”.

कई यूजर्स ने इसी मैसेज का एक लंबा वर्जन फेसबुक पर शेयर किया है, जिसमें ​कहा गया है, “खबरों के अनुसार, रूस ने पाकिस्तान को एक मिलियन टीके गिफ्ट में दिए हैं. पाकिस्तान के पीएम इमरान खान इसे पाकिस्तान की राजनयिक जीत और भारत के करीबी देशों के साथ अपने मजबूत संबंधों का संकेत बता रहे हैं. हालांकि, डब्ल्यूएचओ का मानना है कि ये कोई उपहार नहीं है, बल्कि रूस की कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक का तीसरे चरण का ह्युमन ट्रायल है.”

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इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि ये दावा भ्रामक है. ये मैसेेज एक व्यंग्य पोर्टल से उठाया गया है. रूस ने ​अब तक अपनी वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू नहीं किया है. रूसी वैक्सीन के बारे में डब्ल्यूएचओ का जो हवाला दिया गया है, वह भी सच नहीं है. पाकिस्तान ने हाल ही में चीन द्वारा बनाई जा रही कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल को मंजूरी दी है.

वायरल पोस्ट के आर्काइव यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

AFWA की पड़ताल

रूस की कोरोना वैक्सीन “स्पुतनिक V ” के बारे में जानकारी देने के लिए बनी वेबसाइट के मुताबिक, सितंबर, 2020 से वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू हो सकता है.

इस वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल का तीसरा चरण 12 अगस्त, 2020 से हुआ है. वेबसाइट के मुताबिक, इस ट्रायल में 2,000 से ज्यादा लोग शामिल होंगे. इनमें रूस के अलावा मध्य पूर्व (यूएई और सऊदी अरब) और लैटिन अमेरिकी देशों (ब्राजील और मैक्सिको) के लोग भी शामिल हैं. इसमें क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण के लिए जिन देशों के नाम हैं, उसमें पाकिस्तान का कहीं जिक्र नहीं है.

कीवर्ड्स सर्च की मदद से हमें “The Fauxy ” नाम की वेबसाइट पर 14 अगस्त, 2020 को छपा एक लेख मिला. इसका शीर्षक है, “चीन के बाद, रूस ने पाकिस्तान को 10 लाख कोरोना वैक्सीन दी; डब्ल्यूएचओ इसे ह्युमन ट्रायल का तीसरा चरण माना”. हमने पाया कि वायरल पोस्ट सीधा यहीं से उड़ाई गई है.

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“The Fauxy” एक व्यंग्य पोर्टल है. वेबसाइट के डिस्क्लेमर सेक्शन में स्पष्ट तौर पर लिखा है, “इस वेबसाइट के सभी कंटेंट काल्पनिक हैं”. इसलिए, जिस लेख में रूस की ओर से पाकिस्तान को 10 लाख वैक्सीन गिफ्ट करने की बात लिखी गई है, वह भी सच से कोसों दूर है.

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हमें कई न्यूज रिपोर्ट मिलीं, जिनमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने हाल ही में पहली बार कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल को मंजूरी दी है. ये वैक्सीन चीन की कैन्सिनो बायोलॉजिक्स और बीजिंग इंस्टीट्यूट आफ बायोटेक्नोलॉजी मिलकर बना रहे हैं.

लेकिन हमें किसी विश्वसनीय स्रोत से ये सूचना नहीं मिली कि रूस अपनी वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल पाकिस्तान में कर रहा है. रूस ने पाकिस्तान को कोरोना वैक्सीन गिफ्ट की है, इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है.

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