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फैक्ट चेक: जानिए हिंदुओं पर PAK पुलिस के अत्याचार के नाम से वायरल इस वीडियो की सच्चाई

एक फेसबुक यूजर ने इस वायरल वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार करते पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों के अत्याचार का है.
आशीष अवस्थी सहित अन्य फेसबुक यूजर
सच्चाई
वीडियो बुजुर्ग दंपति, नसीम बीबी और मुहम्मद इदरीस से पुलिस की बदसलूकी का है, जब वे मुल्तान डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा उनके जमीन अधिग्रहण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इसका पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की घटना से कोई लेना-देना नहीं है.

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक बुजुर्ग दंपति के साथ कुछ वर्दी पहने लोग हाथापाई करते और उन्हें जबरन जीप में बिठाकर साथ ले जाते दिख रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि वीडियो पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों के अत्याचार का है.

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एक फेसबुक यूजर 'आशीष अवस्थी' ने इस वायरल वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा है, 'पाकिस्तान में अल्पसंख्यक #हिंदुओं पर अत्याचार करते पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी.' इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. वायरल वीडियो 3 साल पुराना है और इसमें दिख रहे बुजुर्ग दंपति का नाम नसीम बीबी और मुहम्मद इदरीस हैं. ये लोग मुल्तान डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा उनके जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं, तभी पुलिस की कार्रवाई के दौरान का यह वीडियो है.

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यह वीडियो फेसबुक पर काफी ज्यादा शेयर किया जा रहा है.

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वायरल वीडियो को InVID टूल की मदद से रिवर्स सर्च करने पर हमें पाकिस्तानी अंग्रेजी अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की 20 नवंबर 2017 को प्रकाशित हुई एक खबर मिली. खबर के मुताबिक एक बुजुर्ग दंपति को मुल्तान पुलिस द्वारा पीटने और उन्हें सड़क पर घसीटे जाने की बात कही गई थी.

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Samaa TV और Abb Takk सहित अन्य पाकिस्तानी मीडिया ने भी इस घटना को रिपोर्ट किया था. उनके अनुसार, मामला भूमि अधिग्रहण से जुड़ा हुआ था और पुलिस ने कार्रवाई के दौरान बुजुर्ग दंपत्ति, नसीम बीबी और मुहम्मद इदरीस के साथ बदसलूकी की थी.

वहीं पाकिस्तानी मीडिया से बात करते हुए पीड़ित दंपति के बेटे मुहम्मद शब्बीर ने बताया कि वे और उनका परिवार 10 साल तक भूमि अधिग्रहण के मुआवजे को लेकर मुल्तान विकास प्राधिकरण के चक्कर काटता रहा लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई और जब उनके माता-पिता प्राधिकरण कार्यालय के सामने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे तो पुलिस अधिकारियों ने उनके बूढ़े माता-पिता के साथ बदसलूकी की. शब्बीर ने आरोप लगाया कि प्राधिकरण द्वारा उनकी अधिग्रहीत भूमि का पूरा मुआवजा तक नहीं दिया गया.

इस पूरे मामले में स्थानीय सरकार ने कार्रवाई करते हुए 4 पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया था. इन तथ्यों से साफ है कि पूरा मामला भूमि अधिग्रहण और उसके मुआवजे से जुड़ा हुआ था. इसमें किसी तरह के धार्मिक प्रताड़ना जैसी कोई बात सामने नहीं आई.

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हालांकि, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की दयनीय स्थिति किसी से छुपी नहीं हुई है. अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां निरंतर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की खबरें प्रकाशित करते रहती हैं. खासकर, हिंदू और सिख समुदाय की लड़कियों को हमेशा निशाना बनाया जाता रहा है, जहां लड़कियों का अपहरण कर जबरन उनका धर्म परिवर्तन करवा कर निकाह कर लिया जाता है.

जुलाई, 2019 में पाकिस्तान में दो नाबालिग हिंदू बहनों का एक ऐसा ही मामला काफी चर्चित हुआ था. एबीसी न्यूज की खबर के मुताबिक, उनका अपहरण करके धर्मपरिवर्तन कराया गया और दो शादीशुदा पुरुषों से उनकी शादी करा दी गई.

AFWA ने अपनी पड़ताल में पाया कि इस वायरल वीडियो का पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की घटना का से कोई लेना-देना नहीं है. वायरल वीडियो में दिख रहे बुजुर्ग दंपति, नसीम बीबी और मुहम्मद इदरीस, मुल्तान डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा उनके जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं, यह वीडियो उसी दौरान मुल्तान की पुलिस द्वारा बुजुर्ग दंपत्ति से बदसलूकी की घटना का है.

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