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फैक्ट चेक: इस हरे कीड़े के काटते ही फौरन मर जाता है इंसान? अफवाह पर न करें विश्वास

इन दिनों एक अजीब से दिखने वाले हरे कीड़े की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. कहा जा रहा है कि इससे फसलों को ही नहीं, बल्कि किसानों को भी खतरा है. इसके काटने से लोगों की तुरंत मौत हो रही है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
इस हरे कीड़े के काटने से इंसान पांच मिनट में मर जाता है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
कृषि विज्ञान केंद्र ने इस दावे का खंडन किया है. अगर ये कीड़ा किसी को काट ले तो उसे खुजली, सूजन और दर्द महसूस हो सकता है, लेकिन ये जानलेवा नहीं है.

किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है कीड़ों की वजह से फसल खराब होना. इससे बचने के लिए वे अकसर खेतों में कीटनाशक छिड़कते हैं और नए-नए उपाय आजमाते हैं. लेकिन सोशल मीडिया की मानें तो अब एक नई समस्या आ गई है, जिससे फसलों को ही नहीं बल्कि किसानों को भी खतरा है.

दरअसल एक अजीब से दिखने वाले हरे कीड़े की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. इसके शरीर पर रंग-बिरंगे गोले हैं और कांटे निकले हुए हैं. कीड़े की इस तस्वीर के साथ एक और फोटो शेयर की जा रही है जिसमें कुछ शव खेतों में पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं. ऐसा दिखाने की कोशिश की जा रही है कि इन लोगों की मौत इस हरे कीड़े के डंक मारने से हुई है.

फेसबुक पर ये तस्वीरें शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, "सावधान: अगर अपने आसपास गांव के ग्रुप या किसानों का कोई ग्रुप हो उसमें भी यह खबर पहुंचा दे भाई लोगों खेतों के अंदर ऐसा कीड़ा / जनावर भी आ चुका है किसी को डंक मारते ही तुरंत मौत हो जाती है".

ऐसे ही कुछ पोस्ट्स का आर्काइव्ड वर्जन यहां , यहां और यहां देखा जा सकता है.  
 

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इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि हरे कीड़े के साथ जिन मरे हुए लोगों की तस्वीर शेयर की जा रही है, उनकी जान बिजली गिरने से गई थी, न कि कीड़ा काटने से. हालांकि इतनी बात सच है कि लोगों को इस कीड़े के काटने पर खुजली और एलर्जी जैसी दिक्कतें हो सकतीं हैं, लेकिन इससे किसी की मौत होने की बात पूरी तरह गलत है.


कैसे पता लगाई सच्चाई?  


सबसे पहले हमने खेत में पड़े शवों वाली फोटो की पड़ताल की. कीवर्ड सर्च की मदद से हमें 'जगत न्यूज 24' यूट्यूब चैनल पर एक खबर मिली, जिसमें वायरल तस्वीर को धुंधला करके लगाया गया है. इसमें बताया गया कि महाराष्ट्र के जलगांव में बिजली गिरने से एक आदमी और उसके बेटे की मौत हो गई है.

 

हमें इसके बारे में 'यूएनआई' न्यूज एजेंसी की भी रिपोर्ट मिली. इसमें लिखा है कि जलगांव डिस्ट्रिक्ट के नहावे गांव में 9 सितम्बर, 2022 को शिवाजी चवण अपने बेटे के साथ खेत में काम कर रहे थे. उसी समय जोरदार बारिश के बीच इलाके में बिजली गिरी जिससे दोनों लोगों की खेत में ही मौत हो गई.

इतनी बात तो यहीं साबित हो जाती है कि तस्वीर में दिख रहे लोगों की मौत कीड़ा काटने से होने की बात एकदम झूठ है. इसके बाद हमने हरे कीड़े के बारे में खोजबीन शुरू की. 

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“डीडी न्यूज आंध्रा" ने एक ट्वीट के जरिये बताया है कि कृषि विज्ञान केंद्र ने वायरल फोटो वाले हरे कीड़े के जानलेवा होने के दावे का खंडन किया है.

 

 

इसी तरह, 'एबीपी लाइव' की एक न्यूज रिपोर्ट में बताया गया है कि महाराष्ट्र के बीड जिले के किसानों को 'घोनस' नाम के एक नए कीड़े का सामना करना पड़ रहा है. घास और गन्ने पर पाया जाने वाला ये कीड़ा फसलों के साथ-साथ इंसानों को भी नुकसान पहुंचा रहा है.

वहां कुछ किसानों को इस कीड़े ने काट लिया था. तेज दर्द के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.लेकिन किसी की मौत होने जैसी कोई खबर नहीं है.

क्या कहना है कृषि विभाग का?

हमने बीड जिले के कृषि विभाग अधीक्षक जे. वी. उरकर से संपर्क किया. उन्होंने 'आजतक' को बताया कि इस कीड़े को बीड में 'घोनस' नाम से जाना जाता है. ये कीट भारत के अलावा श्रीलंका, मलेशिया, और इंडोनेशिया में भी पाया जाता है. उन्होंने कहा, "घोनस के शरीर पर मौजूद कांटे मधुमक्खी के डंक जैसे होते हैं. अगर घोनस किसी को काट ले तो उसे खुजली, सूजन और दर्द महसूस होगा, लेकिन ये जानलेवा नहीं है. जिन लोगों को पहले से कोई एलर्जी हो, उन्हें इस कीड़े से खास तौर पर सावधान रहना चाहिए."

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उरकर ने हमें इसके बारे में छपी मराठी न्यूजपेपर "कृषी सोबती" की एक रिपोर्ट भेजी. इसमें बताया गया है कि घोनस को 'स्लग कैटरपिलर' के नाम से भी जाना जाता है. ये कीड़ा पतंगों के 'लिमाकोडिडे' परिवार से है. इसमें लिखा है, "जिस जगह कीड़े ने डंक मारा हो वहां बर्फ, या फिर बेकिंग सोडा और पानी का पेस्ट लगाने से लोगों को आराम मिल सकता है”.

मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय के कीट विज्ञानी डॉ. वसंतराव नायक ने एक ब्लॉग  में खेतों को इस कीड़े से बचाने के लिए 'क्लोरपाइरीफोस', 'प्रोफेनोफोस' जैसे कीटनाशकों का छिड़काव करने की सलाह दी है.

(रिपोर्ट: संजना सक्सेना)

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