भारतीय मीडिया के कई प्रतिष्ठित संस्थानों ने न्यूज एजेंसी की खबर छापी जिसमें दावा किया गया था कि 'दक्षिणी आयरलैंड में वियाग्रा बनाने वाली कंपनी Pfizer की टनों दवाइयां नदी में गिर गईं, जिसका पानी पीकर भेंड़े उत्तेजित हो गईं और एक हफ्ते तक अनियंत्रित व्यवहार करती रहीं.' यह विचित्र खबर इंडो एशियन न्यूज सर्विस (http://www.ians.in/) ने की थी, जिसे कई बड़े मीडिया संस्थानों ने हाथों हाथ लिया.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह मूलत: एक व्यंग्य लेख था जो एक अंतरराष्ट्रीय वेबसाइट पर छपा था. यह वेबसाइट काल्पनिक खबरों (fictional stories) के लिए जानी जाती है.
इस खबर को कई न्यूज वेबसाइट जैसे 'News 18' , 'Outlook' , 'Free Press Journal' ने खबर की तरह छापा. इनके आर्काइव्ड वर्जन यहां , यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
सिर्फ अंग्रेजी मीडिया ने ही नहीं, बल्कि हिंदी मीडिया ने भी इसका अनुवाद करके छापा. हिंदी अखबार दैनिक जागरण की वेबसाइट ने इस खबर का शीर्षक लगाया, 'फैक्ट्री ने पानी में मिला दिया वियाग्रा, पानी पीकर भेड़ों का बदला व्यवहार, जाने फिर क्या हुआ.' खबर में लिखा गया है, 'दक्षिण आयरलैंड की घटना है.
यहां के रिंगास्किड्डी हार्बर के पास हजारों भेड़ें चर रही थीं. चरवाहों ने बताया कि हार्बर का पानी पीकर 80 हजार भेड़ें और कुछ मवेशी असामान्य व्यवहार करने लगे. दरअसल, हुआ यह था कि दुर्घटना के तहत एक जानी-मानी दवा कंपनी की हजारों किलोग्राम यौनवर्धक दवाएं उस पानी में घुल गई. इसी पानी को पीकर भेड़ें असामान्य यौन व्यवहार करने लगीं.'
बड़े मीडिया संस्थानों को देखते हुए कई छोटी न्यूज वेबसाइट्स ने भी इस खबर को खासी तवज्जो दी. हालांकि, बाद में कुछ न्यूज वेबसाइट जैसे 'The Times Of India', 'News 18' और 'Times Now ' ने बाद में इस खबर को हटा दिया.
मीडिया में प्रसारित हुआ यह लेख मूल रूप से व्यंग्य वेबसाइट 'वर्ल्ड न्यूज डेली रिपोर्ट' (WDNR) पर प्रकाशित हुआ था. इस वेबसाइट की टैगलाइन है, 'जहां तथ्य मायने नहीं रखते.'
वेबसाइट के 'डिस्क्लेमर' सेक्शन में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि सभी लेख काल्पनिक हैं.
मेनस्ट्रीम आयरिश मीडिया के किसी भी संस्थान में यह लेख नहीं प्रकाशित हुआ है. दवा बनाने वाली उक्त कंपनी Pfizer ने भी पानी में दवा घुल जाने संबंधी इस दावे का खंडन किया है. इस बारे में खबर यहां पढ़ी जा सकती है.