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फिल्म अभिनेत्री और कांग्रेस नेता नगमा ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार ने भारतीय रेलवे अडानी ग्रुप को बेच दिया है. उन्होंने एक ट्रेन का वीडियो शेयर किया है, जिसमें सामने की ओर वडोदरा लिखा है तो ट्रेन के दोनों तरफ फॉर्चून ब्रांड के आटे का विज्ञापन नजर आ रहा है. साथ ही, एक जगह ‘अडाणी विलमार’ का पोस्टर भी लगा है.
इस वीडियो को शेयर करते हुए अभिनेत्री ने अंग्रेजी में कैप्शन लिखा है जिसका हिंदी अनुवाद है, “अडाणी की ट्रेनें तैयार हो रही हैं!”
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
एक्टर दर्शन औलख ने भी वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “देखो अडाणी दी ट्रेन दा इंजन विद फॉर्चून आटा दी ऐड नाल. भारत की जनता के साथ एक बड़ा खेल खेला जा रहा है. इस मोदी ने इंडिया को बेड़ागर्क कर दिया है!”
इस पोस्टका आर्काइव्ड वर्जन यहांदेखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि भारतीय रेलवे अडाणी समूह को बेच देने की बात गलत है. कुछ महीनों पहले भारतीय रेलवे की एक योजना के तहत अडाणी समूह ने कुछ ट्रेनों में अपने उत्पादों का विज्ञापन दिया था. ऐसी ही एक ट्रेन का वीडियो अब गलत दावे के साथ पेश किया जा रहा है.
एक फेसबुक यूजर ने वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “अडानी रेलवे...अच्छे दिन आ गए... पर किसके ???”
एक ट्विटर यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “जिस रेल इंजन पर इंडियन रेलवे लिखा जाना चाहिए था उस जगह पर फेकू के दोस्त अडाणी का नाम लिखा जा रहा है.”
क्या है सच्चाई
वडोदरा में पश्चिमी रेलवे ने किराए के अतिरिक्त कमाई (नॉन फेयर रेवेन्यू) करने वाली सरकारी योजना के तहत दस ट्रेनों में विज्ञापन देने के लिए टेंडर जारी किए थे. ये टेंडर अडाणी समूह को मिले थे और तभी फरवरी में समूह की कंपनी ‘अडाणी विलमार’ के फॉर्चून आटे का विज्ञापन वडोदरा की ट्रेन पर पेंट किया गया था.
पश्चिमी रेलवे के फेसबुक पेज पर 1 फरवरी को विज्ञापन की पेंटिंग वाली ट्रेन के उद्घाटन समारोह की जानकारी दी गई थी. साथ ही, ये बताया गया था कि इससे रेलवे को 1 करोड़ पांच लाख रुपये का राजस्व मिलेगा.
Opening up avenues under Non Fare Revenue, WR has got the branding of its 10 Electric Locomotives done at Electric Loco...
Posted by Western Railway on Saturday, 1 February 2020
भारतीय रेलवे की वेबसाइट पर भी 3 फरवरी को इस संबंध में एक प्रेस रिलीज जारी की गई थी.
‘मिंट’ और ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ जैसी न्यूज वेबसाइट्स में भी इससे संबंधित खबरें छपी थीं.
‘कनेक्ट गुजरात’ नाम की एक स्थानीय वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे के डीआरएम देवेंद्र कुमार ने बताया, “इलेक्ट्रिक ट्रेनों पर विज्ञापन करने का टेंडर अडाणी समूह को 5 साल के लिए दिया गया है.”
हमें ‘द न्यूज टाइम्स’ नाम के गुजराती यूट्यूब चैनल पर एक रिपोर्ट मिली जिसमें फॉर्चून आटे के साथ ही अमूल के विज्ञापन वाली ट्रेन भी नजर आ रही है. इस वीडियो में रेलवे के एक अधिकारी बता रहे हैं, “इन ट्रेनों को हर तीन साल में पेंट किया जाता है, जिस पर करीब आठ लाख रुपये का खर्च आता है. ऐसे में विज्ञापन से हुई आय की मदद से इन पैसों की बचत हो जाती है.”
इसी वीडियो में अडाणी समूह के प्रतिनिधि कह रहे हैं, “हमने ट्रेन में विज्ञापन इसलिए दिया क्योंकि हमारे सभी उत्पाद, जैसे आटा, सोया बड़ी, रिफाइंड तेल आदि आम लोगों की जरूरत के सामान हैं और ट्रेन यातायात का एक ऐसा माध्यम है जिसमें आम लोग यात्रा करते हैं.”
देश की अलग-अलग कंपनियां समय-समय पर ट्रेनों में विज्ञापन देती रही हैं. ‘रेलजोन’ नामक वेरिफाइड यूट्यूब चैनल के इस वीडियो में भारतीय ट्रेनों पर दिए गए अलग-अलग ब्रांड्स के विज्ञापन देखे जा सकते हैं.
इससे पहले सितंबर में अडाणी समूह की कंटेनर ट्रेन से जुड़ा एक भ्रामक दावा वायरल हुआ था. उस वक्त ‘इंडिया टुडे ग्रुप’ ने इसकी सच्चाई बताई थी.
एसएमहोक्स स्लेयर वेबसाइट भी इस दावे की सच्चाई का खुलासा कर चुकी है.
ये बात साफ है कि अडाणी समूह को भारतीय रेल बेच दिए जाने की बात में कोई दम नहीं है. अडाणी समूह ने फरवरी में वडोदरा की ट्रेनों में अपना विज्ञापन दिया था. ऐसी ही एक ट्रेन के वीडियो के जरिये अब भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है.