बंगाल में चुनाव के वक्त से शुरू हुआ जय श्री राम विवाद अब भी सोशल मीडिया पर थम नहीं रहा है. एक वायरल वीडियो में एक पुलिस अफसर एक आदमी को पिटते दिख रहा है. जिसमें वो इंसान चेन से बंधा है और जय बजरंग बली के नारे लगा रहा है. फेसबुक यूजर राजेश रावत का दावा है कि बंगाल पुलिस की पिटाई के बावजूद वो जय श्री राम का नारा लगाता रहा.
पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि ये दावा भ्रामक है. वायरल वीडियो पुराना है और 2014 से ही सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. इस घटना का बंगाल से कोई लेना देना नहीं है.
फेसबुक यूजर राजेश रावत की इस पोस्ट को खबर लिखे जाने तक 52000 लोगों से शेयर किया जबकि 4000 से ज्यादा लोगों ने कमेंट किया है. कुछ इस घटना पर यकीन कर रहे हैं तो कुछ लोग मान रहे हैं कि ये बंगाल की घटना नहीं है.
जब हमने वीडियो की फ्रेम्स को इनवीड और रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया तो पाया कि ये वीडियो 5 साल से यूट्यूब पर मौजूद है. India Zone नाम के यूजर ने इस वीडियो को 30 सितंबर 2014 को वेबसाइट पर डाला था. यूट्यूब यूजर “Virender Roj ” ने इसे दोबारा 2015 में अपलोड किया. कुछ और लोगों ने भी 2016 में अलग दावे के साथ इस वीडियो को यूट्यूब पर डाला था. 2017 में फैक्ट चेक वेबसाइट “Alt News ” ने भी इस खबर को फर्जी साबित किया था.
बंगाल के बीजेपी नेताओं ने भी इस वीडियो पर अपना दावा किया था, उनका कहना था कि 11 अप्रैल 2017 को हनुमान जयंती के दिन बीरभूम में दो मुसलमान अफसरों ने हिंदू की पिटाई की थी. बंगाल के आसनसोल में बीजेपी के आईटी सेल के हेड तरुण सेनगुप्ता ने ये फर्जी दावा किया था हालांकि अब ये पोस्ट डिलीट कर दी गई है.
बंगाल सीआईडी ने ट्वीट किया था कि फर्जी खबर फैलाने के आरोप में सेनगुप्ता को गिरफ्तार भी किया गया था.
बांग्ला न्यूज वेबसाइट “Zee 24 Ghonta ” ने ये खबर जुलाई 2017 में छापी थी. हम इस वीडियो की लोकेशन कंफर्म नहीं कर पाये लेकिन ये साफ है कि ये घटना बंगाल की नहीं है.Tarun Sengupta, Secretary BJP IT Cell, Asansol, WB, arrested today for spreading fake news and creating communal disharmony. pic.twitter.com/GRWSPPnMq5
— CID West Bengal (@CIDWestBengal) July 12, 2017