पिछले एक हफ्ते में जबसे केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्म किया है सोशल मीडिया पर जम्मू कश्मीर से जुड़े पोस्ट्स की बाढ़ सी आ गई है. इनमें कुछ सही हैं लेकिन ज्यादातर भ्रामक.
क्या है दावा?फेसबुक पेज आम प्रेस ने 4 तस्वीरें साझा की हैं और दावा किया है कि अनुच्छेद 370 के खत्म किये जाने के बाद वहां हालात सामान्य हो गए हैं.
तस्वीरों के साथ लिखा गया ‘धारा 370 हटने के बाद हमारे कश्मीरी भाई बहनों में खुशी की लहर’
इस पोस्ट को खबर लिखे जाने तक 800 से ज्यादा लोगों ने साझा किया है. पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
क्या है सच्चाई
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि दावा भ्रामक है. ये तस्वीरें हाल की नहीं हैं. 4 में से तीन तस्वीरें कम से कम दो साल पुरानी हैं.
फैक्ट चेक
रिवर्स सर्च के जरिए जब हमने इन तस्वीरों की सच्चाई पता करने की कोशिश की तो हमें ये तस्वीरें कई वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर मिलीं.
तस्वीर नं 1
पहली तस्वीर में एक महिला और बच्चा दो सुरक्षाकर्मियों की ओर देखकर मुस्कुरा रहे हैं.
10 जून, 2017 को ये तस्वीर पत्रकार आदित्य राज कौल ने ट्वीट की थी.
उन्होंने लिखा था ‘ कश्मीर में सीआरपीएफ के जवान आम आदमी के साथ खेल रहे हैं, ये मुस्कुराहट सबकुछ बयां करती है. मीडिया आपको कभी नहीं दिखायेगा.
एक ब्लॉगर कमलेश कुमार सिंह ने भी यही तस्वीर 2017 में अपने ब्लॉग “Newsiyana ” में लगाई थी.
तस्वीर नंबर 2
इस तस्वीर में एक कश्मीरी परिवार एक सुरक्षाकर्मी की ओर देखकर मुस्कुरा रहा है.
हमें ये तस्वीर पाकिस्तानी ब्लॉग पर मिली. रक्षा जैसे मुद्दों से जुड़े इस ब्लॉग में ‘पाकिस्तानी डिफेंस ’ ने ये तस्वीर अप्रैल 2010 में लगाई थी.
बाद में rediff.com ने भी ये तस्वीर कश्मीर से जुड़े कई लेखों में इस्तेमाल किया.
तस्वीर नंबर 3
तीसरी तस्वीर मिठाई बांटते एक सुरक्षाकर्मी की है जो कई अखबारों में जून 2017 में छपी थी.
इंडिया टुडे और इंडिया टाइम्स ने ये खबर छापी थी जब 2017 में ईद के दौरान इस सैनिक ने आम आदमियों को मिठाई बांटी थी.
तस्वीर नंबर 4
चौथी तस्वीर को शुभंकर मिश्रा ने ट्वीट किया था. साथ ही बांग्ला हंट बेवसाइट ने भी ये तस्वीर लगाई थी जब अनुच्छेद 370 को हटाया गया.
कुछ लोगों ने शुभंकर के ट्वीट पर लिखा कि ये पुरानी तस्वीर है लेकिन हम इसकी तस्दीक नहीं कर पाए हैं.
निष्कर्ष
वायरल 4 तस्वीरों में दो कम से कम दो साल पुरानी और एक नौ साल पुरानी है, हालांकि घाटी के कुछ इलाकों में कर्फ्यू में ढील दी गई है लेकिन अब भी संचार खास तौर से इंटरनेट पर पाबंदी है. वायरल तस्वीर कश्मीर की सही हालात बयां नहीं करती इसलिए कहा जा सकता है कि ये पोस्ट भ्रामक है.