सोशल मीडिया पर कश्मीर की बताकर कई वीडियो और तस्वीरें शेयर की जा रही हैं. फेसबुक पर इन दिनों एक महिला की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं. महिला के चेहरे पर चोट के निशान देखे जा सकते हैं. दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना ने इस महिला के साथ बेरहमी से मारपीट की है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीरें पश्तो अभिनेत्री व गायिका नीलम गुल की हैं. तस्वीरों के जरिये वे अपने पति के अत्याचार की कहानी बयान कर रही हैं.
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
फेसबुक पर वायरल इन तस्वीरों के साथ कैप्शन में लिखा जा रहा है: "सेना ने हमारे शरीर के हर हिस्से पर मारा. हमें लात मारी, डंडों से पीटा, बिजली के झटके दिए, केबल से हमें पीटा. हमें पैरों के पीछे मारा. जब हम बेहोश हो गए तो उन्होंने होश में लाने के लिए बिजली के झटके दिए. जब उन्होंने हमें डंडों से पीटा और हम चीख उठे तो उन्होंने हमारा मुंह कीचड़ से भर दिया. हमने उन्हें बताया कि हम निर्दोष हैं. हमने पूछा कि वो ऐसा क्यों कर रहे हैं? लेकिन उन्होंने हमारी एक न सुनी. मैंने उनसे कहा कि हमें पीटो मत. हमें गोली मार दो. मैं ख़ुदा से मना रहा था कि वो हमें अपने पास बुला ले क्योंकि प्रताड़ना असहनीय थी."
वायरल तस्वीरों का सच जानने के लिए जब हमने इन्हें रिवर्स सर्च की मदद से ढूंढा तो हमें फेसबुक पर एक वीडियो मिल गया. यह वीडियो नीलम गुल ने अपलोड किया था , जिसमें वे पश्तो भाषा में कुछ कह रही थीं.
इस वीडियो पर कमेंट्स में कई लोग उन्हें पति को तलाक देकर जीवन में आगे बढ़ने की सलाह दे रहे थे. इससे यह समझा जा सकता था कि यह महिला पश्तो भाषा में पति के जुल्म के बारे में बता रही थीं.
हमने यह जानने की कोशिश की कि आखिर यह महिला है कौन. इसके लिए हमने इंटरनेट पर "Neelam Gul+domestic violance" लिखकर सर्च किया तो हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ( ) मिलीं.
रिपोर्ट के अनुसार नीलम गुल पश्तो अभिनेत्री व गायिका हैं और उन्होंने पिछले साल अगस्त में पति के खिलाफ मारपीट व घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था. वीडियो में गुल ने बताया कि उनका पति पिछले सात सालों से उन पर अत्याचार करता आ रहा है. इस रिपोर्ट में गुल का वीडियो भी है.
पड़ताल में साफ हुआ कि वायरल तस्वीरें कश्मीरी महिला की नहीं हैं, बल्कि यह पश्तो अभिनेत्री की हैं. यह मामला घरेलू हिंसा का था. कश्मीर और भारतीय सेना का इससे कोई लेना देना नहीं है.
पिछले साल भी यह तस्वीरें अलग दावों के साथ वायरल हुई थीं, तब एएफपी ने इनका सच सामने रखा था.