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फैक्ट चेक: क्या सचमुच जापान ने 24 घंटे में बना डाला ये पुल?

The Engineer Bro पेज द्वारा पोस्ट की गई इस फोटो को खबर लिखने तक लगभग 3000 से भी ज्यादा लोग शेयर कर चुके थे और 25,000 से ज्यादा लोगों ने इसे लाइक भी किया.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
जापान में ध्वस्त होने के 24 घंटे के भीतर पुल बनकर तैयार.
फेसबुक पेज The Engineer Bro
सच्चाई
ध्वस्त होने के 4 महीने बाद पुल का निर्माण पूरा हुआ.

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टेक्नोलॉजी को लेकर दुनिया जापान का लोहा मानती है. लेकिन क्या जापान के इंजीनियर्स ने महज 24 घंटे में एक शानदार पुल बना डाला? सोशल मीडिया पर जापान के एक पुल की फोटो वायरल हो रही है, जिसमें यह दावा किया गया कि इस पुल का निर्माण मात्र 24 घंटे में किया गया.

रविवार को The Engineer Bro नाम के एक फेसबुक पेज ने इस दावे के साथ यह फोटो शेयर की है. इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि यह दावा गलत है.

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

The Engineer Bro पेज द्वारा पोस्ट की गई इस फोटो को खबर लिखने तक लगभग 3000 से भी ज्यादा लोग शेयर कर चुके थे और 25,000 से ज्यादा लोगों ने इसे लाइक भी किया. आपको यह भी बता दें कि इस फेसबुक पेज को 30 लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं.

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पोस्ट में फोटो के ऊपर अंग्रेजी में कैप्शन लिखा गया है, जिसका हिंदी अनुवाद होगा, "जापान ने इस पुल को प्राकृतिक आपदा में ध्वस्त होने के 24 घंटे के भीतर ही खड़ा कर दिया. भारत में ऐसा करने के लिए पहले तो प्रक्रिया में 3 साल लगते फिर पु​ल बनाने में 5 साल अलग."

क्या है सच्चाई

इस दावे की पड़ताल के लिए AFWA ने पहले इस फोटो को क्रॉप किया और फिर 'जापान' कीवर्ड के साथ रिवर्स सर्च किया. हमें इसी दावे और फोटो के साथ बहुत सी अन्य पोस्ट मिलीं, जिनमें एक जापानी भाषा में किया गया एक ट्वीट का लिंक भी था. यह ट्वीट tt_expwy नाम के ट्विटर हैंडल ने 11 नवंबर, 2018 को ट्विटर पर पोस्ट किया था.

जापानी भाषा के किए गए उस ट्वीट के अनुवाद से पता चला कि यह पुल जापान के राष्ट्रीय रूट राजमार्ग 305 पर बना है जो जापान की फुकुई क्षेत्र की एचीजेन तट रेखा पर स्थित है.

पुल वाकई में त्रासदी में ध्वस्त तो हुआ था लेकिन इस ट्वीट से इसके बनने की समय अवधि का पता नहीं चला. AFWA ने फिर जापानी टेक्स्ट को गूगल पर सर्च किया तो एक जापानी न्यूज रिपोर्ट मिली. ग्रीनगो नाम की इस जापानी वेबसाइट पर मिले लेख के अनुवाद से पता चला कि इस राष्ट्रीय राजमार्ग 305 का एक हिस्सा पिछले साल 7 जुलाई को हुए भूस्खलन के बाद ध्वस्त हो गया था.

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इस लेख में यह भी बताया गया कि इस पुल का निर्माण 27 अगस्त को शुरू हुआ और 31 अक्टूबर को इसे जनता के लिए खोल दिया गया.

इसका मतलब यह कि इस पुल के निर्माण में दो महीने लगे. इसके अलावा, त्रासदी से लेकर रास्ता बहाल होने का बीच का समय लगभग 4 महीने है. इससे यह साबित होता है कि इस पुल के ध्वस्त होने के 24 घंटे के भीतर बनकर तैयार होने वाले तथ्य में कोई सच्चाई नहीं है.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
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