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फैक्ट चेक: विमान में नेहरू के साथ कुत्ते वाली इस वायरल तस्वीर की ये है असलियत

नामीबिया से आठ चीतों के भारत आने के बाद पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू की एक तस्वीर वायरल हो रही है. इसके लिए राजनीतिक हमले किए जा रहे हैं. तस्वीर के साथ लिखा है कि अब विदेश से चीते लाने के लिए विमान भेजा जाता है. जवाहर लाल नेहरू के वक्त में विमान से कुत्ते लाए जाते थे.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
अब विदेश से चीते लाने के लिए विमान भेजा जाता है. जवाहर लाल नेहरू के वक्त में विमान से कुत्ते लाए जाते थे.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
तस्वीर में नेहरू के साथ उनका पालतू कुत्ता है जो विदेश से नहीं आया था. ये तस्वीर दिल्ली से कुल्लू-मनाली जाते वक्त ली गई थी.

नामीबिया से भारत आए आठ चीतों को लेकर सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो तो खूब शेयर हो ही रहे हैं, राजनैतिक निशाने भी साधे जा रहे है. दो तस्वीरों का एक कोलाज इस समय खूब शेयर हो रहा है. एक ओर चीतों को भारत लाने वाले विमान की तस्वीर है तो दूसरी ओर एक विमान के दरवाजे पर एक कुत्ते के साथ नेहरू की फोटो  है.  हांलाकि सीधे तौर पर ऐसा नहीं कहा गया है,  लेकिन इस कोलाज में की गई तुलना से कुछ लोगों ऐसा लग सकता है जैसे नेहरू इस कुत्ते को विदेश से लेकर आए हों.  

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मसलन, इस कोलाज को शेयर करते हुए एक फेसबुक यूजर ने लिखा, “जब विमान से कुत्ते लाए जा रहे थे तब किसी को बुरा नहीं लगा आज विमान से चीते आने लगे तो चमचों को मिर्च लग रही है?”  

इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि विमान के गेट पर जिस कुत्ते के साथ नेहरू की तस्वीर है वो नेहरू का पालतू कुत्ता था और इसे  वो विदेश से लेकर नहीं आए थे.  ये तस्वीर दिल्ली के पालम एयरपोर्ट  की है जब नेहरू कल्लू-मनाली जा रहे थे. 

कैसे पता लगाई सच्चाई?  

रिवर्च सर्च के जरिए हमें ये तस्वीर ‘Timescontent.com’ वेबसाइट पर मिली. इसके साथ दी गयी जानकारी के मुताबिक तस्वीर जनवरी 1961 में खींची गई थी. उस वक्त वो दिल्ली के पालम एयरपोर्ट से कुल्लू- मनाली रवाना हो रहे थे और उनके साथ उनका पालतू कुत्ता ‘पेपी’ था.

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कहानी नेहरू के पालतू कुत्ते 'पेपी' की 

नेहरू के निजी सचिव रहे एमओ मथाई ने अपनी किताब ‘My Days with Nehru’ में इस पालतू कुत्ते का जिक्र किया है. मथाई के मुताबिक, इस कुत्ते को उन्होंने साल 1955 में होशियारपुर से खरीदा था. नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी ने इसे एक रशियन नाम ‘पेपिटा निचिवो’ दिया जिसे शॉर्ट में पेपी कहा जाने लगा.

नेहरू का पालतू कुत्ता खूब सुर्खियों में रहा. मार्च 1962 में भारत दौरे पर आईं तब के अमेरिकी प्रेसीडेंट जॉन कैनेडी की पत्नी जैकी कैनेडी की इस कुत्ते के साथ तस्वीर भी चर्चा में रही थी.

संसद में उठा था नेहरू के कुत्ते के खर्च पर सवाल

नेहरू के कुत्ते पर होने वाले खर्च को लेकर संसद में सवाल उठा था. साल 1963 में नेहरू की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया ने उनके कुत्ते का जिक्र किया था. लोहिया ने लोकसभा में आम लोगों की आमदनी और नेहरू के कुत्ते पर होने वाले खर्च की तुलना की थी.

21 अगस्त, 1963 को अपने भाषण में उन्होंने कहा था “एक खेतिहर मजदूर दिन भर में 12 आने कमाता है, शिक्षक दो रुपये कमाता है, लेकिन कुछ कारोबारी रोजाना तीन लाख रुपये तक कमा रहे हैं. वहीं, प्रधानमंत्री नेहरू के कुत्ते पर तीन रुपए रोज खर्च करना पड़ता है.” 

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पालतू कुत्ते पर होने वाले खर्च को लेकर नेहरू पर उठे सवाल पर लोहिया का ये हमला टाइम मैगजीन में भी छपा था. 

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